वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव से खुद को पूरी तरह बचा कर रखना संभव नहीं है। लेकिन एयर प्यूरिफायर उपकरण का प्रयोग करने के अलावा थोड़ी-थोड़ी देर पर गहरी सांसें लें। इससे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचने से ऊर्जा का संचार बेहतर होता है।
त्वचा, लीवर, फेफड़े, बड़ी आंत व किडनी मिलकर शरीर से विषैले तत्त्वों (भारी धातु, रसायन, प्रदूषण के कारक, कीटनाशक) को पसीने के रूप में बाहर करते हैं। लीवर इन तत्त्वों को छानने, फेफड़े कार्बन डाईऑक्साइड हटाने, बड़ी आंत पानी व पोषक तत्त्वों को अवशोषित कर मल में बदलने और किडनी रक्त साफ कर पदार्थों को यूरिन के जरिए बाहर निकालती है।
लिक्विड डाइट : पानी यूरिन के जरिए विषैले पदार्थ को बाहर निकलता है। कोशिकाओं की मरम्मत से लेकर अंगों को टॉक्सिन फ्री करने तक के लिए पानी जरूरी है। एक शोध के अनुसार एक दिन में पुरुषों को 3 लीटर व महिलाओं को 2.2 लीटर पानी पीना चाहिए। जूस, स्मूदी आदि पी सकते हैं।