जयपुरPublished: Sep 27, 2020 11:07:36 pm
Ramesh Singh
शरीर को संतुलित तरीके से चलाने में हॉर्मोन्स की अहम भूमिका होती है। तनाव, अनिद्रा, फास्ट फूड का अधिक प्रयोग इस असंतुलन को तेजी से बढ़ा रहा है। इस असंतुलन की वजह से कई तरह के गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाता है। हार्मोन्स के अधिक या कम निकलने की वजह से शरीर में कई तरह के बदलाव भी दिखते हैं।
ये हैं लक्षण : अचानक से वजन घटने या बढऩे लगना, मासिक माहवारी में अनियमितता, तनाव के साथ घबराहट होना, भूख न लगना, बहुत जल्दी थक जाना और पाचन तंत्र में खराबी आने के साथ शरीर में सूजन बने रहना इसके प्रमुख लक्षण हैं।जाए तो इस बीमारी से दूर रहा जा सकता है।
जानिए क्या होता है हार्मोन
हॉर्मोन शरीर को संतुलित रखने वाला तत्त्व है जो दो तरह के होते हैं। एंडोक्राइन और एक्सोक्राइन। एंडोक्राइन हॉर्मोन निकलने के बाद शरीर के रक्त में मिल जाता है। अलग-अलग कोशिकाओं तक पहुंचकर उनको जीवित रखता है। एक्सोक्राइन पाचन क्रिया को ठीक रखता है। शरीर पर चोट लगने से पहले ये दिमाग को सिग्नल देता है।
कुशिंग सिंड्रोम क्या है?
हार्मोन के असंतुलन से शरीर में कुशिंग सिंड्रोम हो जाता है। जिससे व्यक्ति मोटापाग्रस्त हो सकता है। डायबिटीज की समस्या हो सकती है। कुछ मामलों में मरीज का चेहरा हर समय लाल रहता है। हल्की चोट पर भी हड्डियों में फ्रैक्चर हो सकता है। ऑस्टियोपोरोसिस की प्रमुख वजह हार्मोन का असंतुलन होता है। कुछ मामलों में इस वजह से शरीर के किसी भाग में गांठ, ट्यूमर और घेंघा भी हो सकता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक तकलीफ होती है। इसका प्रमुख कारण घर की जिम्मेदारियों की वजह से हर समय तनाव में रहती हैं। तनाव से कॉटिसोल हॉर्मोन तेजी से बढ़ता है जो हॉर्मोन साइकिल को डिस्टर्ब कर देता है।
ये काम करने से बचें
माहवारी में पहले तीन दिन तक सिर न धाएं, माहवारी के दौरान नमक खाना कम कर दें, अधिक भारी काम न करें जिससे थकावट हो, नाभी में कैस्टर का तेल डालें हॉर्मोन अंसतुलन की तकलीफ नहीं होगी। हॉर्मोनल इंबैलेंस से पीडि़त व्यक्ति नियमित योगा करे तो उसको फायदा होगा। इसमें भोजन के बाद ब्रजआसन की मुद्रा में बैठा जाए तो लाभ होगा। भुजंग आसन और सूर्य नमस्कार नियमित से आराम मिल सकता है।
एक्सपर्ट : डॉ. एस.के. सिंह,विभागाध्यक्ष हार्मोन रोग विभाग, इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, बीएचयू (उत्तरप्रदेश)