scriptमैग्नेट थेरेपी से शरीर में होता है ऊर्जा का संतुलन | Magnet therapy is useful to balance of energy in your body | Patrika News

मैग्नेट थेरेपी से शरीर में होता है ऊर्जा का संतुलन

locationजयपुरPublished: Jul 18, 2019 03:35:46 pm

आयुर्वेद में सुजोक, चाइनीज एक्यूप्रेशर और रिफ्लैक्सोलॉजी तकनीकों के अलावा इन दिनों मैग्नेट थैरेपी को खासतौर पर प्रयोग किया जा रहा है

magnetic therapy

मैग्नेट थेरेपी से शरीर में होता है ऊर्जा का संतुलन

अनियमित दिनचर्या, बढ़ता तनाव, खानपान में गड़़बड़ी और लंबे समय तक एक ही जगह गलत पॉश्चर में बैठना कई रोगों का कारण बनता है। इसमें विशेषकर कमर, कंधे और हाथ-पैरों का दर्द खास है। ऐसे में व्यक्ति के इन्हें नजरअंदाज करने या फिर अनियमित रूप से एंटीबायोटिक, दर्दनिवारक लेने से स्थिति ज्यादा बिगड़ जाती है।
आयुर्वेद में सुजोक, चाइनीज एक्यूप्रेशर और रिफ्लैक्सोलॉजी तकनीकों के अलावा इन दिनों मैग्नेट थैरेपी को खासतौर पर प्रयोग किया जा रहा है। इसमें बिना दर्द व तकलीफ के चिकित्सा होती है। साथ ही इससे कोई दुष्प्रभाव भी नहीं होता।
असर
10 प्रतिशत रोगियों में इस चिकित्सा से रोग की गंभीरता कम हो जाती है।

12 फीसदी मामलों में मैग्नेट थैरेपी से सर्जरी की आशंका तक घट जाती है।

जीभ की जांच जरूरी
मैग्नेट थैरेपी में रोगी की जीभ देखकर इलाज का स्तर तय होता है। जीभ का आगे वाला हिस्सा हृदय, बायां हिस्सा लीवर, दायां भाग गॉलब्लैडर, बीच का भाग पेट, स्प्लीन व पेन्क्रियाज और पिछला भाग ब्लैडर, यूट्रस और किडनी का होता है। इन हिस्सों की आकृति, रंग, इस पर चढ़ी परत, लंबाई, नमी, सूजन, इस पर दांत का निशान आदि देखकर पता लगाते हैं कि शरीर के किस भाग में तकलीफ है। इसी के आधार पर मरीज का इलाज करते हैं।
ऐसे होता इलाज
शरीर में ऊर्जा के असंतुलन से ही विभिन्न रोग पैदा होते हैं। मेग्नेट थैरेपी में विभिन्न अंगों पर मौजूद ऊर्जा मार्गों पर स्थित बिंदुओं पर अलग-अलग आकार के मैग्नेट को कुछ समय के लिए टेप से चिपका देते हैं। इस चुंबकीय प्रभाव से ये बिंदु जागृत हो जाते हैं जिससे ऊर्जा का संचार सुचारू होता है और इम्यूनिटी बढ़ती है। बार-बार इन ऊर्जा बिंदुओं पर मैग्नेट रखने से परेशानी जड़ से खत्म हो सकती है।
इनमें फायदेमंद
कंधे, कोहनी में दर्द व खिंचाव के अलावा सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, कमर, घुटने, टखना, एड़ी में दर्द, सायटिका, स्लिप डिस्क, सिरदर्द, भूख न लगना, खट्टी डकारें, कब्ज, पाचन संबंधी रोग, थायरॉइड, हाई ब्लड प्रेशर व डायबिटीज जैसे रोगों में काफी फायदा होता है।

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