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Maple syrup urine disease: जानिए बच्चों में होने वाले मेपल सिरप यूरिन डिजीज के बारे में

locationजयपुरPublished: Jul 13, 2019 03:14:20 pm

Maple syrup urine disease: एमएसयूडी (मेपल सिरप यूरिन डिजीज) बच्चों को होने वाली बीमारी है। इसे जन्मजात या आनुवांशिक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर या एसिडोपैथी भी कहते हैं।

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Maple syrup urine disease: एमएसयूडी (मेपल सिरप यूरिन डिजीज) बच्चों को होने वाली बीमारी है। इसे जन्मजात या आनुवांशिक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर या एसिडोपैथी भी कहते हैं।

Maple syrup urine disease: एमएसयूडी (मेपल सिरप यूरिन डिजीज) बच्चों को होने वाली बीमारी है। इसे जन्मजात या आनुवांशिक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर या एसिडोपैथी भी कहते हैं। इसमें शरीर भोजन से मिलने वाले प्रोटीन को तो अवशोषित कर लेता है लेकिन प्रोटीन में मौजूद अमीनो एसिड को तोड़ नहीं पाता जिससे ब्लड और यूरिन में अमीनो एसिड और कीटोंस बढ़ जाते हैं। यह भोजन में मौजूद एक विशेष अमीनो एसिड के सही से न पचने से होता है। ऐसे मामले सैकड़ों में दो से तीन आते हैं और जिनकी अवस्था गंभीर होती है। जानते हैं इसके बारे में-

कारण : रोग की मुख्य वजह आनुवांशिकता है। साथ ही जिन बच्चों के शरीर में प्रमुख पाचन संबंधी एंजाइम्स का अभाव होता है, उनमें इसकी आशंका ज्यादा होती है।

लक्षण : प्रमुख रूप से पसीना, कान व यूरिन में बदबू , चिड़चिड़ापन, बेहोशी, दौरे आना, शरीर का अकड़ जाना, सांस की गति बढऩा, तनाव, दूध न पीना, ब्लड शुगर का स्तर कम होना, उल्टी आदि हो सकती है।

जांच : ब्लड व यूरिन टैस्ट में कीटोंस और एसिडोसिस ज्यादा होते हैं तो टीएमएस (टेंडम मास स्पेक्टोमेट्री) टैस्ट करते हैं। मॉलिक्युलर डायग्नो-सिस कर इसके जीन का पता लगाने के बाद रोग की मूल वजह को जानने की कोशिश करते हैं।

जान जाने का जोखिम –
अमीनो एसिड व अन्य तत्त्वों के लगातार जमा होने से कई बार इनका स्तर इतना बढ़ जाता है कि बच्चे में तंत्रिका तंत्र को काफी नुकसान पहुंचता है। शिशु के कोमा में जाने व समय पर इलाज न होने पर मृत्यु की आशंका बढ़ जाती है।

तीन तरह से करते इलाज –
भोजन में विशेष अमीनो एसिड वाली चीजें जैसे दूध, मीट, गेहूं का आटा और सूखे मेवे से परहेज कराते हैं। गंभीर अवस्था में ग्लूकोज और अन्य अमीनो एसिड देने के अलावा डायलिसिस पर रखते हैं।

ध्यान रखें –
इंफेक्शन से बचें। बच्चे को समय पर फीडिंग कराएं। पहले बच्चे में मेटाबॉलिक डिसऑर्डर रहा हो तो दूसरे बेबी की प्लानिंग से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें।

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