नाक से गहरी व लंबी सांस अंदर लेते हुए अपनी जीभ की अंतरंग मांसपेशियों को सख्त रखें। सांस लेते व छोड़ते समय कंपन महसूस करें। ध्यान रहे कि सांस लेने और छोड़ने की क्रिया नाक से ही पूरी करनी है।
इस प्राणायाम में कमर सीधी रखते हुए दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखें। धीरे-धीरे सांस को नाक से बाहर छोड़ने की कोशिश करें। इस बात का ध्यान रखें कि सांस लेने की आवाज न आए, बल्कि सांस छोड़ने की आवाज तेज आए। जैसे छींकने की आवाज आती है, उसी तरह इस प्राणायाम में भी तेज आवाज आती है।
इस प्राणायाम में सांस को तीव्र गति से अंदर और बाहर करना होता है। सांस अंदर लेते हुए पेट बाहर तथा सांस छोड़ते समय पेट अंदर रखें। इस प्राणायाम से फेफड़ें साफ और मजबूत होते हैं।