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ज्यादा नींद आती है तो जानिए स्लीप ड्रंकननेस डिसऑर्डर के बारे में

locationजयपुरPublished: Feb 27, 2020 03:33:26 pm

न्यूरोलॉजी जर्नल के अनुसार ‘स्लीप ड्रंकननेस डिसऑर्डर’ (नींद का नशा) है। इसे भ्रामक उत्तेजना भी कहते हैं।

ज्यादा नींद आती है तो जानिए स्लीप ड्रंकननेस डिसऑर्डर के बारे में

Sleep Drunkenness: Causes, Symptoms, and Treatment

न्यूरोलॉजी जर्नल के अनुसार ‘स्लीप ड्रंकननेस डिसऑर्डर’ (नींद का नशा) है। इसे भ्रामक उत्तेजना भी कहते हैं। गहरी नींद से जागने पर जब हम कंफ्यूज होते हैं तो यह समस्या होती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हैल्थ के अनुसार ऐसा तब होता है, जब हमें नॉन रेपिड आई मूवमेंट स्लीप यानी गहरी नींद से जबरन उठा दिया जाए।

इतनी नींद जरूरी –
खानपान की तरह नींद भी जरूरी है। बच्चे को जन्म से लेकर एक साल की उम्र तक करीब 15-16 घंटे सोना जरूरी है। प्रेग्नेंट महिला को रात में 7 घंटे के अलावा दिन में एक से डेढ़ घंटे सोना चाहिए। वयस्कों को 6-8 घंटे सोना चाहिए। बढ़ती उम्र में मेलाटोनिन जैसे हार्मोन कम निकलते हैं, इसलिए बुजुर्गों को नींद ना आने की समस्या होती है, फिर भी उनके लिए 9 घंटे सोना जरूरी होता है।

उठने के बाद लें टाइम –
जिन लोगों को नींद से उबरने में ज्यादा समय लगता है, उन्हें डॉक्टरी परामर्श लेना चाहिए। इस भ्रामक उत्तेजना के दौरान लोगों को हिंसक होते देखा गया है। ड्राइवर व पायलट जैसे पेशे से संबंधित लोगों को अगर नींद से अचानक उठा दिया जाए तो उन्हें ड्यूटी संभालने के लिए कम से कम 15 मिनट इंतजार करना चाहिए वर्ना उनकी असावधानी से अनजाने में बड़ी दुर्घटना हो सकती है। अच्छी नींद लेना चाहते हैं तो तनाव न लें। सोने से पहले दिनभर की चिंताओं को छोड़ दें और गैजेट्स से दूरी बनाएं। कॉफी या अल्कोहल ना लें। योगा, संगीत या डांस क्लास से भी नींद की समस्या में सुधार होता है।

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