एक्सपर्ट : डॉ. लीनेश्वर हर्षवर्धन, सीनियर फिजिशियन, जयपुर
जयपुरPublished: Oct 06, 2019 09:31:34 pm
Ramesh Singh
दिमाग नहीं, दिल से मुस्कुराएं। इसे इमोशनल स्माइल कहते हैं। इससे शरीर में कॉर्टिसॉल हॉमोन की मात्रा घटती है और शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
मुस्कुराने से दिमाग के न्यूरॉन्स सिंक्रोनाइज होते हैं। इसलिए यदि किसी बात कर रहें है तो सामने वाला भी मुस्कुराने लगता है। मुस्कुराने से तनाव घटता है। मूड अच्छा रहता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। इससे ब्लड प्रेशर भी सामान्य रहता है। फील गुड होता है। डिप्रेशन की आशंका घटती है। जब मुस्कराते हैं तो शरीर में कुछ ऐसे हॉमोन भी स्रावित होते हैं जो एंटी एजिंग का काम करते हैं।
रक्तसंचार
स्माइल से चेहरे की मांसपेशियां (जाइको मेटिकस मेजर-माइनर) की एक्सरसाइज होती है। तेज हंसने से गले की मांसपेशियों की भी एक्सरसाइज होती है। इससे रक्त संचार बढऩे से त्वचा चमकदार रहती है।
इसलिए पड़ते हैं डिम्पल : जब चेहरे की मांसपेशियां (जाइको मेटिकस मेजर-माइनर) दो भागों में डिवाइड होती हैं तो इस कारण मुस्कुराते समय गाल में डिम्पल पड़ते हैं। यह बचपन में ही दो भागों में डिवाइड हो जाती है। आर्टिफिसियल डिंपल के लिए लोग सर्जरी भी कराते हैं।
एक्सपर्ट : डॉ. लीनेश्वर हर्षवर्धन, सीनियर फिजिशियन, जयपुर