इन चार आदतों से बिगड़ती है बायोलॉजिकल क्लॉक
दिन-रात के अनुसार ढल जाता है। बायोलॉजिकल क्लॉक (जैविक घड़ी) सूर्योदय से पहले व सूर्यास्त के बाद शरीर की गतिविधियों पर निर्भर करती है।

ये चार हैं आदतें
देर रात जागना, पार्टी करना : सप्ताह में अवकाश के दिन देर रात जागना, देर रात खाना, सुबह देर तक सोना ठीक नहीं है। सिरदर्द, डायबिटीज का खतरा बढ़ता है। रात में सोने, दिन में सक्रियता के लिए शरीर हार्मोन का स्राव करता है।
रात में व्यायाम से बचें : सोने से तीन घंटे पहले व्यायाम कर लें। इसके बाद करने से शरीर ऐसे हार्मोन का स्राव करता है जो अनिद्रा का कारण बनते हैं। इससे थकान, सुस्ती और चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है।
रात में चाय-कॉफी न पीएं: चाय-कॉफी व सोडायुक्त चीजों में कैफीन ज्यादा होती है। मस्तिष्क की सक्रियता बढऩे से अनिद्रा, हाई ब्लड प्रेशर व डायबिटीज के मरीजों के लिए घातक हो सकती है।
जरूरी है गैजेट से दूरी : बिस्तर पर जाने से दो घंटे पहले मोबाइल, टीवी, लैपटॉप की स्क्रीन की तेज रोशनी से दिमाग अलर्ट मोड में रहता है। कुछ हार्मोन के रिलीज होने के कारण तुरंत नींद नहीं आती है।
बीमारी से दूर के लिए जरूरी
8 घंटे की नींद : आठ घंटे की रात की नींद रोजाना लें। बच्चों को 10 व बुजुर्गों को सात घंटे सोना जरूरी है। कम नींद से तनाव, चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है। याद्दाश्त कमजोर हो सकती है।
समय से आहार : उठने के दो घंटे बाद पौष्टिक आहार लें। सुबह नाश्ता, दोपहर से पहले फल, सलाद लें। दोपहर 12 से 1 बजे के बीच लंच व शाम 4-5 बजे के बीच हल्का आहार, रात 8 बजे तक डिनर कर लें। शाकाहार जैविक घड़ी के अनुकूल।
खूब पानी पीएं : शरीर के वजन के अनुसार पानी पीना चाहिए। प्रति 20 किलोग्राम वजन पर एक लीटर पानी पीना चाहिए। एक बार में एक गिलास पानी ही लें। कोई रोग है तो डॉक्टर की सलाह से मात्रा रखें।
45-60 मिनट व्यायाम : स्वस्थ व्यक्ति को सुबह-शाम 45-60 मिनट योग, व्यायाम करना चाहिए। क्षमता से अधिक न करें। थकने के बाद आराम जरूरी है। वर्ना शरीर की जैविक घड़ी गड़बड़ा सकती है।
एक्सपर्ट : डॉ. किशोर पटवद्र्धन, प्रोफेसर, क्रिया शरीर विभाग, बीएचयू, वाराणसी
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