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डिलीवरी के बाद इस तरह अपनी सेहत का ध्यान रखें महिलाएं

locationजयपुरPublished: Nov 06, 2019 02:31:21 pm

Women’s Health: गर्भावस्था की तरह डिलीवरी के बाद भी महिलाआें काे अपनी सेहत का ध्यान रखना जरूरी हाेता है। लेकिन कर्इ बार महिलाएं इसमें लापरवाही कर जाती है…

Tips To Take care Your health after delivery

डिलीवरी के बाद इस तरह अपनी सेहत का ध्यान रखें महिलाएं

Women’s Health: गर्भावस्था की तरह डिलीवरी के बाद भी महिलाआें काे अपनी सेहत का ध्यान रखना जरूरी हाेता है। लेकिन कर्इ बार महिलाएं इसमें लापरवाही कर जाती है। जाेकि उनकी सेहत काे नुकसान पहुंचा सकता है। आइए कुछ सवाल व उनके जवाब के जरिए जानते हैं कि महिला की सेहत की कैसे करें देखभाल:-
नॉर्मल या ऑपरेशन से डिलीवरी होने पर क्या दिक्कत होती है?
नॉर्मल या सिजेरियन डिलीवरी में समस्या लगभग बराबर होती है। प्रसव बाद महिलाएं खाने और पीने को लेकर लापरवाही बरतती हैं, जिससे परेशानी होती है। इसलिए खान-पान को लेकर ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। नींबू की शिकंजी लेना फायदेमंद है। इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन-सी होता है, जो घाव को भरने में मदद करता है। पानी खूब पीना चाहिए। इससे कब्ज नहीं होती है। कब्ज होने से टांके खुलने की आशंका रहती है।
डिलीवरी के बाद अधिक आराम करना कितना सही है?
जिसकी डिलीवरी सामान्य तरह से हुई है उसको एक दिन बाद और जिसकी ऑपरेशन से हुई है उसे डॉक्टर से परामर्श के बाद ही एक्सरसाइज शुरू करनी चाहिए। इस दौरान एक्सरसाइज से मांसपेशियां अपनी पुरानी अवस्था में आ जाती हैं। प्रसव के बाद लंबे समय तक आराम करना सेहत के लिए ठीक नहीं होता है।
डिलीवरी के बाद पेट बढ़ गया है तो क्या करें?
डिलीवरी के दौरान मसल्स की स्ट्रेचिंग होती है, इसलिए पेट बढ़ जाता है। प्रसव के डेढ़ महीने बाद यह सामान्य हो जाता है। इससे बचाव के लिए बैठने का तौर तरीका सही रखने के साथ पेट की एक्सरसाइज करते रहना चाहिए। सामान्य प्रसव हुआ है तो अगले दिन से कर सकते हैं। ऑपरेशन से प्रसव हुआ है तो डॉक्टर के परामर्श के बाद व्यायाम कर सकती हैं। फास्ट फूड और फैटी डाइट खाने से परहेज करना चाहिए।
जो महिलाएं देर से बच्चा चाहती हैं, उन्हें क्या दिक्कतें होने की आशंका रहती है?
गर्भधारण में किसी कारण या फैमिली प्लानिंग में देरी से स्तन कैंसर होने की आशंका रहती है। बच्चा समय से पैदा होता है तो स्तनपान कराने से स्तन संबंधी तकलीफ होने का खतरा 50 फीसदी कम हो जाता है। स्तन में गांठ या निप्पल के रंग में बदलाव स्तन संबंधी बीमारी का लक्षण हैं। डॉक्टर से मिलें।
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