ब्रेन एंड कॉग्निशन में प्रकाशित हुए एक शोध में ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन के मस्तिष्क तथा शरीर पर होने वाले प्रभावों के बारे में बताया गया है। इस शोध में रिसर्चर्स ने 34 स्वस्थ युवाओ को दो ग्रुप्स में बांट कर प्रयोग आरंभ किया। एक ग्रुप को रोजाना सुबह तथा शाम को 20 मिनट के लिए ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन का अभ्यास करवाया गया जबकि दूसरे ग्रुप की दिनचर्या में कोई बदलाव नहीं किया गया।
शोध की शुरूआत के समय सभी प्रतिभागियों के मस्तिष्क की fMRI के माध्यम से जांच की गई और उनके दिमाग के विभिन्न हिस्सों में होने वाले परिवर्तनों को रिकॉर्ड किया। तीन महीने बाद पुन सभी प्रतिभागियों की fMRI की गई जिससे पता चला कि ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन का अभ्यास करने वाले समूह के प्रतिभागियों के मस्तिष्क में चिंता व तनाव का स्तर दूसरे ग्रुप के सहभागियों की तुलना में बेहद कम था।
पिएत्रो पिएत्रिनी ने बताया कि ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन ( Transcendental Meditation ) के अभ्यास से मस्तिष्कीय संरचनाओं में परिवर्तन होने लगता है तथा मस्तिष्क में न्यूरोन्स के बीच नए संबंध बनने लगते हैं जिनसे दिमाग में नई योग्यताएं उत्पन्न होने लगती है। इनके फलस्वरूप दिमाग कठिन समय में भी उत्तेजित नहीं होता तथा शांति से प्रतिक्रिया करते हुए ध्यान का अभ्यास करने वाले व्यक्ति को स्थितियों के साथ सामंजस्य बिठाने में सहायता करता है।