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उम्मीद 2021 – नई तकनीक से इलाज होगा आसान, सेहत सुधारेगा नया साल

locationनई दिल्लीPublished: Dec 16, 2020 06:27:39 pm

– मेडिकल सेक्टर में इलाज के लिए खोजी जा रही नई-नई तकनीक ।- बीमारियों की पहचान में भी मददगार नई तकनीक ।- वियरेबल गैजेट्स व कई तरह की थैरेपी से होगी इलाज की राह आसान ।- 2020 में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का हेल्थ केयर मार्केट 36 अरब रुपए से बढक़र 2026 तक 331 अरब रुपए से अधिक हो जाएगा। – 185.6 अरब डॉलर होगा टेली हेल्थ कारोबार वर्ष 2026 तक । – इसका सॉफ्टवेयर बीमारियों की जल्द पहचान और गंभीर बीमारियों के इलाज में मदद करेंगे।

उम्मीद 2021 - नई तकनीक से इलाज होगा आसान, सेहत संवारेगा नया साल

उम्मीद 2021 – नई तकनीक से इलाज होगा आसान, सेहत संवारेगा नया साल

ummeed-2021 :- चिकित्सा के क्षेत्र में 2020 इस सदी का सबसे चुनौतीपूर्ण और बदलाव का वर्ष रहा। कोरोना जैसी वैश्विक आपदा ने नई खोज-शोध, चिकित्सा पद्धति और उपकरणों की आवश्यकता समझाई तो मुश्किल की घड़ी में विश्व की आपातकालीन तैयारियों को भी परखा। चिकित्सा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में तकनीक का प्रभावी पदार्पण भी इस वर्ष दुनिया ने देखा, जो आने वाले कल की जरूरत होगी। उधर, वैक्सीन बनने के साथ ही भारत सहित विश्व के कई देशों में टीकाकरण की तैयारियां तेज हो गई हैं।

घर के नए हेल्थ गैजट्स-

ऑक्सीजन व फिटनेस मापने वाले उपकरण –
कोरोनाकाल में चिकित्सा जगत के बदलाव घरों तक पहुंच गए। इस बीमारी में ज्यादातर मौतें ऑक्सीजन का स्तर गिरने से हुई, लिहाजा घर बैठे ऑक्सीजन मापने का उपकरण रातों रात बाजार में आ गया। इसके अलावा तापमान नापने के लिए थर्मल स्कैनर और फिटनेस के लिए फिटबिट टै्रकर खूब बिके।

पल्स ऑक्सीमीटर –
इसका इस्तेमाल पहले डॉक्टर ही करते थे, लेकिन अब घरों में इसका प्रयोग बढ़ गया है। यह खून में ऑक्सीजन स्तर और पल्स की जानकारी देता है।

थर्मल स्कैनर –
आधा मीटर दूरी से ही शरीर का तापमान बता देता है। यह इन्फ्रारेड थर्मोग्राफी सिस्टम पर काम करता है। 500 डिग्री तक तापमान माप सकता है।

फिटबिट टै्रकर –
फिटनेस के लिए वियरेबल फिटबिट ट्रेकर का बाजार बढ़ गया। कदम गिनने और कैलोरी लूज करने का डाटा बताती है।

थ्री डी मैपिंग तीन तरह की मुद्राओं का अध्ययन –
टू व थ्री डी ह्यूमन पोज एस्टिमेशन तकनीक नए जमाने के फिटनेस कोच का काम करेगी। इसमें तीन तरह से मुद्राओं का अध्ययन किया जाता है- स्केलेटन, रेखाचित्रिय व घनत्व आधारित। इससे जोड़ों, हड्डियों, कंधे, घुटने के टू व थ्री डी स्कैन के अध्ययन से डीप लर्निंग एलगोरिद्म उपचार देगा।

कार-टी थैरेपी ब्लड कैंसर मरीजों को बड़ी राहत –
सी मेरिक एंटीजन रिसेप्टर (कार-टी) थैरेपी से ब्लड कैंसर का इलाज शुरू हो चुका है। इससे इम्यून थैरेपी भी कहते हैं। इससे टी यानी इम्यून (सफेद रक्त कणिकाओं) सेल्स को मजबूत कर बीमारियों को ठीक किया जाता है। इस थैरेपी से 94 फीसदी तक ब्लड कैंसर ठीक होने का दावा किया जा रहा है।

ओजोन थैरेपी गंभीर बीमारियों में कारगर-
ओ जोन थैरेपी इस वर्ष चर्चा में रही। यह ब्रेस्ट, लंग्स और यूट्रस कैंसर, आर्थराइटिस, एचआइवी आदि जैसी गंभीर बीमारियों में कारगर है। इसमें ऑक्सीजन के तरल रूप का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि इसके साइड इफेक्ट भी हैं। इस पद्धति को और बेहतर बनाने के लिए इस पर वैज्ञानिक शोध होंगे।

जीन एडिटिंग सटीक इलाज, कम नुकसान –
कोशिकाओं के विभाजन से बनने वाले फिनोटाइप्स प्रोटीन कोशिकाओं की गुणवत्ता व आयु तय करते हैं। साथ ही कुछ दुर्गुण या विकृतियां भी लाते हैं जिनसे कई गंभीर रोग होते हैं। क्रिस्पर केस 9 तकनीक से जींस में बदलाव करके मसक्युलर डिस्ट्रोफी, कैंसर व हृदय रोगों के इलाज की नई राह खोली है। इसी तकनीक की मदद से व्यक्ति के जीन प्रोफाइल से मिलान करने वाली दवाएं बनाई जा रही हैं जिनसे वे ज्यादा असरदार होंगी व कम साइड इफेक्ट होंगे। इसलिए इसे सटीक चिकित्सा के रूप में विकसित किया जा रहा है।

बदलाव महामारी विशेषज्ञों को रखने लगी कंपनियां –
कोरोना प्रकोप के दौरान महामारी विशेषज्ञों (एपिडेमियोलॉजिस्ट) की मांग बढ़ी। कई कंपनियां वायरस से बचाव के साथ ही कर्मचारियों और उपभोक्ताओं का विश्वास बनाए रखने के लिए महामारी विशेषज्ञों की भर्ती कर रही हैं। महामारी विज्ञानी रोग की उत्पत्ति के कारण और स्रोत का पता लगाकर उसके संचरण और प्रभावी रोकथाम का उपाय करते हैं। दुनियाभर में कई कंसल्टिंग एजेंसियों महामारी विशेषज्ञ उपलब्ध करवाने लगी हैं।

टेलीमेडिसिन घर बैठे सलाह और इलाज-
वा ट्सऐप, फोन व वीडियो ऐप्स जैसे तकनीकी माध्यमों से घर बैठे डॉक्टर से परामर्श व इलाज की सुविधा का दायरा बढ़ेगा। केंद्र सरकार व मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने नियमों के साथ इसकी अनुमति दी है।
नया क्या? कई तरह के फीचर्स बढ़ेंगे। वियरेबल टेस्टिंग चीजें आएंगी जिनसे डॉक्टर दूर से ही मरीज का बेहतर चेकअप कर सकेंगे।

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