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इन योगासनों से कीजिए जीवन भर स्वस्थ रहने की शुरुआत

locationजयपुरPublished: Dec 14, 2019 05:24:38 pm

Yoga Pranayam: स्वस्थ रहने के लिए पुराने समय से ही हमारे ऋषि मुनियों द्वारा याेग काे श्रेष्ठ बताया गया है। आज भी जाे लाेग याेग करते हैं वे याेग न करने वाले लागाें की तुलना में अधिक स्वस्थ देखे गए हैं। याेग हमारे शरीर व मन में नवीन ऊर्जा का संचार करता है…

Yoga Pranayam: Start healthy life through these yoga asanas

इन योगासनों से कीजिए जीवन भर स्वस्थ रहने की शुरुआत

Yoga Pranayam: स्वस्थ रहने के लिए पुराने समय से ही हमारे ऋषि मुनियों द्वारा याेग काे श्रेष्ठ बताया गया है। आज भी जाे लाेग याेग करते हैं वे याेग न करने वाले लागाें की तुलना में अधिक स्वस्थ देखे गए हैं। याेग हमारे शरीर व मन में नवीन ऊर्जा का संचार करता है। लेकिन आज भी ऐसे कई लाेग हैं जो अभी तक योग-आसनों को अपने जीवन में शामिल नहीं कर पाए होंगे। अगर आप याेग की शुरूआत करने जा रहे हैं ताे ये छह आसन आपके लिए उपयाेगी रहेंगे। आइए जानते है इनके बारे में :-
कटिविकासन
इसे सूक्ष्म आसन कहते हैं। शरीर को गर्म करने के लिए करते हैं ताकि आसनों को शुरू करने से शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़े। यह वैसे ही है जैसे व्यायाम शुरू करने से पहले वार्मअप करते हैं। इसमें जोड़ोंं का मूवमेंट, सिर, हाथ, पैरों, कमर को घुमाना आदि होता है।
वज्रासन
जिन्होंने अब तक योग नहीं किया है वे वज्रासन से शुरू कर सकते हैं। वज्रासन खाने से पहले या खाने के बाद 10 मिनट कर सकते हैं। यह पेट को ठीक रखने के साथ ही घुटनों के लिए अच्छा है। मानसिक और शारीरिक फुर्ती बढ़ाता है। वज्रासन ध्यान के लिए भी अच्छा होता है।
जानुशीर्षासन
जानु का अर्थ घुटने और शीर्ष का मतलब सिर होता है। इस आसन को करने से घुटने से लेकर सिर तक स्वस्थ रहता है। मानसिक तनाव दूर होता है। इसे अपनी क्षमता अनुसार करें या फिर 4-5 बार दोहरा सकते हैं। इससे शरीर लचीला बनता है।
तितली आसन
इसमें शरीर का हर हिस्सा लचीला बनता है। रोग प्रतिरोधकता बढ़ती है। जोड़ों के दर्द में आराम देता है। पैरों की थकान दूरी होती है। मानसिक मजबूती मिलती है। यह आसन महिलाओं के लिए लाभकारी है। पीरियड्स या गर्भ संबंधी परेशानी में इससे राहत मिलती है।
पश्चिमोत्तानासन
इसमें पश्चिम का अर्थ पीछे और उत्तान का मतलब उस हिस्से को तानना है। इसमें रीढ़ की हड्डी को तानते हैं। मेरुदंड लचीला होता है। शरीर का हर हिस्सा मजबूत होता है। चेहरे पर तेज आता व हाइट बढ़ती है। पथरी और तनाव में लाभ मिलेगा।
पद्मासन
इसमें शरीर को कमल के आकार की तरह करना होता है। यह कुंडलिनी जागृति करता है जिससे बीमारियां नहीं होती हैं। जिनको घुटनों में दर्द या साइटिका की समस्या है उन्हें लाभ मिलता है। इससे टखने के जोड़ों में लचीलापन आता है। हड्डियां मजबूत होती हैं।
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