शरीर की स्थिति हल की तरह बनने के कारण इसे हलासन कहते हैं। लेटकर हाथों को जमीन से टिकाएं। पैरों को उठाते हुए सिर के पीछे तक ले जाएं। भूख बढ़ती, पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। अधिक वजन, पेट और कमरदर्द, मिर्गी से पीडि़त व्यक्ति बिना विशेषज्ञ की सलाह न करें।
बुजुर्ग : 60-70 की उम्र में हल्के व्यायाम, हास्य योग करें।
1. सूक्ष्म यौगिक कियाएं करें
जोड़ों के दर्द से आराम : हाथ-पैर, गर्दन, कंधे आदि को धीरे-धीरे ऊपर-नीचे, आगे-पीछे और गोल घुमाएं। जोड़ों में अकडऩ दूर होगी साथ ही दर्द भी कम होगा। आप सेहतमंद हैं तो कुछ व्यायाम दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं लेकिन किसी रोग से पीडि़त हैं तो बिना विशेषज्ञ की सलाह से योग न करें।
2. शवासन से थकान भगाएं
जमीन पर सीधा लेट जाएं। शरीर को ढीला छोड़ें। कुछ देर इसी अवस्था में बने रहें।
सांस संबंधी क्रियाएं: गहरी सांस लेकर छोडऩी की प्रक्रिया करें। तनाव और थकान दूर होते हैं शरीर के हर अंग को कुछ समय के लिए आराम मिलता है। झटके से लेटने या उठने से बचें। कमजोर हड्डियां हैं तो क्षतिग्रस्त हो सकती हैं।
3. हास्य योग देता एनर्जी
घर, मैदान या खुली जगह पर खुलकर हंसने से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। कोशिकाएं रिलैक्स होने लगती हैं जिससे व्यक्ति मानसिक रूप से अच्छा महसूस करता है। नियमित लाफ्टर थैरेपी से मानसिक सेहत बरकरार नहीं रहती, इसके लिए घर और आसपास का माहौल सकारात्मक होना चाहिए।
योग विशेषज्ञ- डॉ. गौतम शर्मा, प्रोफेसर, हृदय रोग विभाग एम्स, नई दिल्ली