ऋतिक रोशन
, निकल आए थे आंसू
शुरुआती दिनों में उदित नारायण काफी स्ट्रगल कर रहे थे। अपना खर्चा चलाने के लिए होटल में भी गाने गाते थे। हालांकि राजेश रोशन ने उन्हें एक फिल्म में रफी और ऊषा मंगेशकर के साथ गाना गाने का मौका दिया था। फिर भी उनका स्ट्रगल जारी रहा। उन्हीं स्ट्रगल के दिनों में उनकी मुलाकात हुई गीतकार अंजान से उन्होंने म्यूजिक डायरेक्टर चित्रगुप्त से मिलवाया और उदित को एक भोजपुरी फिल्म में गाने का मौका मिला। उसी वक्त चित्रगुप्त ने उदित नारायण को अपने बेटों आनंद और मिलिंद से मिलवाया था।
मिलिंद चित्रगुप्त और आनंद चित्रगुप्त ‘कयामत से कयामत तक’ का म्यूजिक कर रहे थे। उन्हें भी उदित की आवाज पसंद आ गई और ऐसे उदित नारायण को ‘पापा कहते हैं…’ गाना गाने के मौका दिया गया। इस गाने के बाद की कहानी सभी जानते हैं। उदित नारायण रातों-रात बॉलीवुड इंडस्ट्री के सिंगिग स्टार बन गए थे। अगर आज भी उदित नारायण से उनका प्रिय गाना पूछा जाए तो वह इसी गाने का नाम बताते हैं।
इस गाने के लिए उन्हें पहली बार बेस्ट प्लेबैक सिंगिंग के लिए फिल्मफेयर अवार्ड मिला। इसके बाद उन्होंने हिंदी सिनेमा के कई बेहतरीन म्यूजिक डायरेक्टरस के साथ काम किया।