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चकमा देने वाली रणनीति के लिए अमेजन के खिलाफ देशभर में गुस्सा, प्रतिबंध की मांग

– ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन भारत के लिए गोपनीय रणनीति का खुलासा होने के बाद देशभर में मुखर होने लगे विरोध के स्वर, व्यापारिक संगठन कैट ने खोला कंपनी के खिलाफ मोर्चा- अमेजन कंपनी के खिलाफ चार साल से आंदोलन कर रहा कैट- 7 लाख से ज्यादा सेलर्स को कंपनी से बड़ा फायदा मिल रहा – 33 सेलर्स के हाथों में ऑनलाइन बिक्री का दो तिहाई हिस्सा

Feb 19, 2021 / 04:20 pm

विकास गुप्ता

चकमा देने वाली रणनीति के लिए अमेजन के खिलाफ देशभर में गुस्सा, प्रतिबंध की मांग

चकमा देने वाली रणनीति के लिए अमेजन के खिलाफ देशभर में गुस्सा, प्रतिबंध की मांग

नई दिल्ली । ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ 4 साल से देशव्यापी आंदोलन की अगुवाई कर रहे कारोबारी संगठन कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सरकार से मांग की है कि खुलासे के मद्देनजर अमेजन ने भारत के ई-कॉमर्स व्यापार को नियंत्रित करने के लिए सोची-समझी रणनीति बनाई। अब यह साफ हो चुका है कि अमेजन सरकार के नियमों, कानूनों और नीतियों की धज्जियां उड़ाते हुए ई-कॉमर्स व्यवसाय को नियंत्रित करने की कोशिश में है। सरकार को तुरंत अमेजन पर प्रतिबंध लगाना चाहिए और उसकी जांच के आदेश देने चाहिए। अमेजन ने भारतीय नियामकों को चकमा देने के लिए गोपनीय रणनीति बनाई थी। इसमें कंपनी की नीतियों को गुप्त रखने की बात कही गई है। इसका खुलासा 2012 से 2019 के बीच दस्तावेज से हुआ है।

गोपनीय दस्तावेज में यह भी: कंपनी के दस्तावेज 2012 से 2019 के बीच के हैं। इसमें वह भारतीय नियामकों को चकमा देने की गोपनीय रणनीति पर काम कर रही है। भारत में 7 लाख से अधिक सेलर्स का दावा करती है। सभी बड़ा मुनाफा कमा रहे हैं। इसके विपरीत दस्तावेजों में लिखा गया है कि भारत में कुल बिक्री का दो तिहाई हिस्सा सिर्फ 33 सेलर्स के हाथों में है।

2019 में ऐसे छुपाई थी जानकारी-
अ मेजन के सीनियर एग्जीक्यूटिव जे. कार्नी को 2019 में अमरीका में भारतीय राजनयिक के सामने यह बात छुपाने के लिए कहा गया था कि वेबसाइट से होने वाली आनलॉइन वस्तुओं में एक तिहाई वस्तुएं सिर्फ 33 विक्रेता बेच रहे हैं। नोट में इस जानकारी को अतिसंवेदनशील और साझा नहीं करने योग्य बताया गया था।

…तो लाखों विक्रेताओं को मिलती राहत-
अमेजन ने झूठा दावा किया था कि कंपनी भारत में छोटे दुकानदारों और कारोबारियों को साथ लेकर आगे बढ़ रही है। जानकारी समय से सामने आती तो उन छोटे-बड़े विक्रेताओं को राहत मिल सकती थी, जो आरोप लगाते रहे हैं कि अमेजन नियमों का उल्लंघन कर कुछ विक्रेताओं को फायदा पहुंचा रही है। हालांकि देश में कंपनी की एक जांच भी चल रही है।

पीएम को भी नहीं बख्शा, लगाए आरोप-
अमेजन के गोपनीय दस्तावेज में लिखा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी न तो बुद्धिजीवी हैं और न ही बहुत पढ़े-लिखे। उनको ऐसा लगता है कि वह सिर्फ मजबूत शासन-प्रशासन के बलबूते शासन कर सकते हैं। वह साधारण, तार्किक व सीधी सोच के हैं। इसके अलावा कंपनी की भारत में बिजनेस को लेकर कई गोपनीय रणनीति का भी जिक्र है। हालांकि अभी तक पीएमओ व वाणिज्य-उद्योग मंत्रालय की ओर से कोई टिप्पणी नहीं आई है।

अमेजन इंडिया के अधिकारियों ने आरोपों को बताया दुर्भावनापूर्ण-
अमेजन इंडिया के हेड अमित अग्रवाल का कहना है कि रायटर्स एजेंसी की रिपोर्ट दुर्भावनापूर्ण है। यह असंगत व तथ्यात्मक रूप से गलत है। अमेजन पूरी तरह से भारतीय कानूनों का अनुपालन कर रही है। 2025 तक एक करोड़ छोटे व्यवसायों को डिजिटल बनाने के लिए करोड़ों रुपए अतिरिक्त निवेश किया है।

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