
नई दिल्ली. जीएसटी के आने से केंद्रीय बजट में वित्त मंत्रालय का काम थोड़ा आसान हुआ है, क्योंकि अधिकांश अप्रत्यक्ष करों को जीएसटी के दायरे में शामिल किया गया है। इसके बावजूद राजकोषीय व्यवस्था और तीव्र आर्थिक विकास के बीच संतुलन बनाना सरकार के सामने चुनौती कम नहीं हुई है।
रिलायंस सिक्योरिटीज के हेड ऑफ रिसर्च राकेश तारवे ने पत्रिका को बताया कि देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती लाने के लिए सरकार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून का दायरा बढ़ाना होगा। इसके साथ ही सिंचाई निधि के लिए आवंटन में वृद्धि के साथ-साथ फसल बीमा योजना की कवरेज को 40% से अधिक बढ़ाते हुए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में विभिन्न प्रकार के प्रयास इस बजट में करने होंगे। मेरा मानना है कि अगर, सरकार ऐसा करती है तो इससे न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था की विकास दर को तीव्र करने में मदद मिलेगी, बल्कि इससे ग्रामीण उपभोग भी बढ़ेगा जिसके परिणामस्वरूप उपभोक्ता, निर्माण सामग्री, घरेलू वस्तुओं, जैसे क्षेत्र लाभान्वित होंगे। बिक्री की मात्रा में वृद्धि से सरकार का घटता हुआ कर राजस्व खुद ब खुद ही पटरी पर आ जाएगा।
आधारभूत संरचना पर भी बढ़े निवेश
ग्रामीण अर्थव्यवस्था के पुनरुत्थान पर बल देने के अलावा, आगामी केंद्रीय बजट में आधारभूत संरचना क्षेत्र में निवेश की गतिविधियों को प्रोत्साहन दिए जाने की संभावना है जो पहले से सही दिशा में आगे बढ़ रहा है, जिसमें सड़क एवं राजमार्ग तथा ऊर्जा क्षेत्र विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। पीपीपी परियोजनाओं को प्रोत्साहन देने की दिशा में सकारात्मक पहल की गई है क्योंकि इससे डेवलपर्स को परियोजनाओं के लिए वित्तीय संकट से बाहर आने में मदद मिली और भविष्य में नकदी प्रवाह का जोखिम भी कम हुआ। हमें उम्मीद है कि रेलवे, हवाई अड्डों, शहरी बुनियादी ढांचे, मेट्रो परियोजनाओं, राष्ट्रीय जलमार्ग आदि के लिए उच्च आवंटन के साथ-साथ राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए आवंटन को भी 649 बिलियन रुपये से बढ़ाया जाएगा।
कॉर्पोरेट टैक्स रोड मैप में स्प्ष्टता हो
तारवे ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि सरकार आने वाले वर्षों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स रोड मैप पर स्पष्टता प्रदान कर सकती है, क्योंकि इसने शुरुआत में कॉर्पोरेट टैक्स में क्रमागत तरीके से कटौती की बात कही थी परंतु अब तक इस मोर्चे पर कोई अर्थपूर्ण बातचीत नहीं हो पाई है। इसके अलावा, ज्यादातर इक्विटी निवेशक दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर के बारे में चिंतित हैं। साथ ही यह एनडीए का अंतिम पूर्ण बजट होगा, जिसके कारण अगले केंद्रीय चुनाव को ध्यान में रखते हुए मध्यम वर्ग के लोगों को कर में रियायतों की पेशकश से खुश करने की कोशिश की जा सकती है। हमें आशा है कि आगामी बजट प्रस्तावों से कृषि, एफएमसीजी, आधारभूत संरचना क्षेत्र, भवन निर्माण सामग्री, तथा रेलवे को सबसे अधिक फायदा होगा।
Updated on:
24 Jan 2018 01:23 pm
Published on:
23 Jan 2018 03:23 pm
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