खटारा जननी वाहनों से सफर करने के लिए मजबूर जच्चा- बच्चा, फिटनेस पर उठ रहे सवाल
– दो दिनों से फिर से शुरू हुई सेवाएं
Mother-child forced to travel by sour mother vehicles, questions are being raised on fitness
बुरहानपुर. जिला अस्पताल से प्रसूता महिलाओं को लेकर दौडऩे वाली जननी एक्सप्रेस वाहनों की हालत खराब हो गई है। मेंटेनेंस नहीं होने से खटारा वाहनों से ही प्रसूता और परिजनों को घरों तक छोड़ा जा रहा है। वाहनों की बॉडी के पुर्जे ढीले होने के बाद फिटनेस पर सवाल उठ रहे है।दो दिनों से जननी वाहनों की सेवाएं बंद होने के बाद भी वाहनों का मेंटेनेंस तक नहीं कराया गया।
दरअसल स्वास्थ्य विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं को अस्पताल जाने और डिलवेरी के बाद घर तक वापस छोडऩे के लिए 6 प्राइवेट वाहनों को जननी एक्सप्रेस में शामिल किया। वाहन अब खटारा होने से सफर करने में जच्चा-बच्चा को खतरा बना रहता है, ग्रामीण क्षेत्रों में कई जगहों पर रास्ता खराब होने के कारण परिजनों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन खटारा वाहनों का हर माह कंपनी के अधिकारियों द्वारा जांच होने के बाद भी फिटनेस प्रमाण पत्र देकर दौड़ाया जा रहा है, जबकि वाहनों में प्रसूता और अटेंडरों की सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है।हालात यह है कि खटारा वाहन ज्यादातर समय अस्पताल में खड़ी रहती है।
सिलेंडर खाली, इंडीकेटर भी टूटे
जिला अस्पताल में एक जननी एक्सप्रेस खड़ी मिली। वाहन का हालत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसकी सीट फटी हुई थी, आगे और पीछे लगे इंडीकेटर टूट चुके हैं। वाहन में रखा ऑक्सीजन सिलेंडर भी खाली थी। गर्भवती महिलाओं को लिटाने के लिए लगी सीट बेकार हो चुकी है। अडेंटर को बैठने के लिए लगाई गई सीटें भी टूट है।वाहन के हालत देखकर ही महिला को जाने में डर लगता है।
– बुरहानपुर में जननी एक्सप्रेस वाहनों का ऑडिट करते समय कई खामियां मिलती है, कुछ दिनों के लिए सेवाएं बंद कर मेंटेनेंस के लिए बोलते है, लेकिन कोई सुधार नहीं हो रहा।
अखिल पटेल, मेंटेनेंस प्रभारी 108
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