scriptचुनाव ने तोड़ा 50 हजार पेट्रोल पंप खाेलने वालों का सपना, आवेदनों में फंसा पेंच | Elections broke the dream of those who opened 50 thousand petrol pumps | Patrika News
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चुनाव ने तोड़ा 50 हजार पेट्रोल पंप खाेलने वालों का सपना, आवेदनों में फंसा पेंच

ऑयल कंपनियों ने करीब 50 हजार डीलरशिप नियुक्ति प्रक्रिया पर लगाई रोक।
ऑयल कंपनियों ने 78,500 लोकेशन के लिए मांगे थे डीलरशिप आवेदन।
करीब एक तिहाई लोकेशन पर विजेताओं की हो चुकी है घोषणा।

Mar 15, 2019 / 02:18 pm

Saurabh Sharma

Petrol Pump

चुनाव ने तोड़ा 50 हजार पेट्रोल पंप खाेलने वालों का सपना, आवेदनों में फंसा पेंच

नर्इ दिल्ली। अगर आपने भी सरकारी तेल कंपनियों पेट्रोल पंप डीलरशिप के लिए आवेदन किया है तो यह खबर आपके लिए ही है। वास्तव में चुनाव आचार संहिता लगने के 50 हजार पेट्रोल पंप डीलरशिप की नियुक्तियों की प्रक्रिया पर ग्रहण लग गया है। जानकारी के अनुसार कंपनियों ने नियुक्ति प्रकिया को होल्ड पर डाल दिया है। इसका कारण है कि चुनावी मौसम में कंपनियां किसी तरह के राजनीतिक झमेले नहीं पड़ना चाहती हैं। आपको बता दें कि इंडियन ऑयल काॅरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने पूरे देश में 78,500 लोकेशन पर पेट्रोल पंप डीलर्स को नियुक्त करने के लिए अावेदन मंगाए थे। जिनमें से 95 फीसदी लोकेशन के लिए आवेदन मिल चुके हैं। उसमें 39 फीसदी आवेदन सिंगल अौर 56 फीसदी पर मल्टीपल लोकेशन के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं।

50 हजार आवेदकों की नियुक्तियों पर लगार्इ रोक
देश की तीनों पेट्रोल पंप कंपनियों ने पेट्रोल पंपों के लिए चयन प्रक्रिया रोक लगा दी है। जानकारी के अनुसार पिछली सरकार ने तेल कंपनियों को चुनावी सीजन के दौरान नियुक्ति बंद करने के आदेश दिए थे। जिसकी वजह से इस बार कंपनियां कोर्इ रिस्क नहीं लेना चाहती हैं। वहीं कंपनियों द्वारा इस बारे में चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण भी मांगा है। आपको बता दें कि कंपनियों ने कुल लोकेशन में से करीब एक तिहाई लोकेशन पर विजेताओं की घोषणा कर चुकी हैं और अब उनकी विश्वसनीयता की जांच कर रही हैं। बोली जीतने वालों में से करीब 2,000 आवेदकों को लेटर्स ऑफ इंटेंट (एलओआई) या औपचारिक नियुक्ति पत्र मिल गया है।

पेट्रोलियम मिनिस्ट्री से भी मांगा सुझाव
वहीं दूसरी आेर तेल कंपनियों ने पेट्रोल पंप डीलर्स की नियुक्ति मामले में पेट्रोलियम मिनिस्ट्री से भी राय मांगी है। जानकारों ने बताया है कि मंत्रालय के अधिकारियों ने कंपनियों को चुनाव आयोग से स्पष्टीकरण लेने सुझाव दिया है। आपको बता दें कि रविवार को लोकसभा चुनावों की तारीखों का एेलान हो चुका है। जिसके बाद से देश में आचार संहिता लग गर्इ है। जिसके बाद अब सरकार चुनाव खत्म होने तक कोर्इ भी नीतिगत फैसला लेने में सक्षम नहीं है।

सरकार नहीं कर सकती हस्तक्षेप
अब सरकार का पेट्रोल पंप के डीलर्स की नियुक्ति में कोर्इ हस्तक्षेप नहीं कर सकमी है। सरकारी तेल कंपनियों को पारदर्शी बनाने के लिए आॅयल कंपनियों को ही गाइडलाइंस आैर नियुक्ति करने की छूट मिली है। जानकारों की मानें तो इन कंपनियों पर सरकार नियंत्रण होता है आैर पिछली नियुक्तियों पर काफी विवाद भी हुआ था। इसलिए कंपनियां आैर मंत्रालय कोर्इ जोखिम नहीं उठाना चाहती है। चुनाव के दौरान नियुक्तियों से मंत्रालय आैर कंपनियों पर आरोप भी लग सकते हैं। वहीं अगर सरकार बदल गर्इ तो नियुक्तियां भी रद भी हो सकती हैं। अगर चुनाव आयोग की मंजूरी मिलती है तो कंपनियों को नियुक्ति करने की आजादी मिल जाएगी।

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