31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अच्छा रिटर्न चाहिए… तो ऐसे चुनें सही स्टॉक, मॉर्गन स्टेनली के रिधम देसाई ने दिए स्मार्ट टिप्स

Investing in Stocks: ग्लोबल ब्रोकपेज फर्म मॉर्गन स्टेनली (इंडिया) के एमडी रिधम देसाई का कहना है अभी ज्यादातर शेयरों की चाल निफ्टी से बहुत मेल खा रही है। जब ऐसा होता है तो इसका मतलब होता है कि पूरा बाजार एकसाथ चल रहा है।

2 min read
Google source verification

कैसे चुनें सही स्टॉक, मॉर्गन स्टेनली के रिधम देसाई ने बताया फॉर्मूला (प्रतीकात्मक फोटो)

Investing in Stocks: भारत का शेयर बाजार अब एक ऐसे मोड़ पर आ गया है, जहां हर स्टॉक की अलग पहचान मायने रखेगी। ग्लोबल ब्रोकपेज फर्म मॉर्गन स्टेनली (इंडिया) के एमडी रिधम देसाई का कहना है अभी ज्यादातर शेयरों की चाल निफ्टी से बहुत मेल खा रही है। जब ऐसा होता है तो इसका मतलब होता है कि पूरा बाजार एकसाथ चल रहा है। लेकिन जब ये मेल कम होता है, तो हर शेयर की अपनी चाल होती है। यही समय होता है जब स्टॉक सिलेक्शन सबसे ज्यादा जरूरी हो जाता है। जल्द ही भारत 'स्टॉक पिकर का मार्केट' बनने जा रहा है।

अभी क्या हो निवेश रणनीति

अगले 12 से 18 महीने उन लोगों के लिए फायदेमंद होंगे जो कंपनियों की बुनियादी ताकत (फंडामेंटल्स) को देखकर निवेश करते हैं। अब निवेशकों को मार्केट कैप या सेक्टर की बहुत ज्यादा परवाह नहीं करनी चाहिए। पिछले कुछ महीनों में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने अच्छा रिटर्न दिया, क्योंकि पूरा बाजार मैक्रो फैक्टर्स से चल रहा था। लेकिन अब फोकस कंपनी पर होना चाहिए। बेंचमार्क के करीब रहें और केवल अच्छे स्टॉक्स पर दांव लगाएं।

यह भी पढ़ें- खुशखबरी! सस्ते होंगे लोन और घटेगी EMI, इस हफ्ते मिल सकती है राहत

स्टॉक सिलेक्शन फॉर्मूला

-सबसे पहले देखें कंपनी की मैनेजमेंट कैसी है यानी आप किसके साथ पार्टनरशिप कर रहे हैं।
-फिर जांचें कि कंपनी का बिजनेस कैसा है, क्या वो ज्यादा महंगी तो नहीं, क्या वो सनसेट इंडस्ट्री (डिमांड आदि में कमी से गिरावट वाले सेक्टर) में तो नहीं हैं।
-अच्छे बिजनेस में थोड़ा ज्यादा पैसा लगाना ठीक है, क्योंकि समय के साथ वही सबसे बेहतर रिटर्न देता है।

यह भी पढ़ें- IRCTC की वेबसाइट हर बार फेल! तत्काल टिकट बुकिंग में 73% को एक मिनट में ही वेटिंग, सिस्टम पर सवाल

किन सेक्टर्स पर ओवरवेट हैं?

फाइनेंंशियल, कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी और औद्योगिक वस्तुओं (मैन्युफैक्चरिंग-इंडस्ट्रियल्स) जैसे घरेलू-केंद्रित क्षेत्रों के अधिक मजबूत बने रहने की उम्मीद है। हम इन पर ओवरवेट हैं। इसके विपरीत, सॉफ्टवेयर सेवाओं, ऊर्जा और सामग्री (सीमेंट को छोडक़र, जो एक घरेलू क्षेत्र है), अमरीका पर निर्भर फार्मा जैसे क्षेत्रों को आय में कटौती का सामना करना पड़ सकता है। हम एनर्जी और मैटेरियल पर ‘अंडरवेट’ हैं, वहीं सॉफ्वेयर सेवाओं पर ‘तटस्थ’ हैं। अगले 12 महीनों में कंपनियों की आय में 14-15 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है।