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टॉप 20 ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के राजस्व में भारत की सिर्फ 1.4% हिस्सेदारी, चीन को चुनौती देने में अभी भी हम काफी पीछे

Make in India: ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनने के लिए भारत को अभी भी लंबा रास्ता तय करना है। चीन की टॉप ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में 8.3 प्रतिशत की हिस्सेदारी है और भारत धीरे-धीरे उसे चुनौती देने की स्थिति में आ रहा है।

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भारत खुद को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहा है और इसके लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं। देश को इसमें कुछ हद तक सफलता भी मिली है लेकिन खुद को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करने के लिए देश को अभी लंबी दूरी तय करनी है। फॉर्च्यून 500 कंपनियों की लिस्ट में शामिल दुनिया के टॉप 20 मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के कुल राजस्व में मेड इन इंडिया प्रोडक्ट्स यानी भारत की हिस्सेदारी अभी केवल 1.40% है जबकि चीन की हिस्सेदारी भारत से 6 गुना अधिक 8.3% है।

ग्लोबल एडवायजरी फर्म फीडबैक की रिपोर्ट के मुताबिक, टॉप 20 ग्लोबल मैन्युफैक्चरर के 3348 अरब डॉलर के वैश्विक राजस्व में भारत की हिस्सेदारी केवल 46.6 अरब डॉलर है, जबकि चीन की हिस्सेदारी 279.4 अरब डॉलर है। फीडबैक के मुताबिक, भारत तेजी से ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को आकर्षित कर रहा है, जिससे अगले 5 से 10 साल में चीन की हिस्सेदारी घटने और भारत की बढऩे की उम्मीद है। कोलियर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का मैन्युफैक्चरिंग बाजार वर्ष 2025-26 तक एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की राह पर है।

ऑटोमोबाइल-इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में तेजी

भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर सेक्टर एफडीआइ को आकर्षित कर रहा है। पिछले 9 साल में एफडीआइ 55% बढक़र 148.97 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। विलय और अधिग्रहण गतिविधियों में भी वृद्धि हुई है। ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्सटाइन सेक्टर में पर्याप्त निवेश देखा गया है। देश का ऑटोमोटिव सेक्टर टेस्ला और फोर्ड जैसे ग्लोबल दिग्गजों का ध्यान आकर्षित कर रहा है, जो ग्लोबल सप्लाई चेन में देश के बढ़ते महत्व को बताता है। इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग विशेष रूप से स्मार्टफोन में निवेश में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। एपल के कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर सहित कई अन्य प्लेयर्स भारत में लोकल असेंबली यूनिट स्थापित कर रहे हैं।

औद्योगिक निवेश में गुजरात टॉपर

कोलियर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात औद्योगिक निवेश की लिस्ट में सबसे ऊपर है, जबकि महाराष्ट्र और तमिलनाडु उसके बाद हैं। टोयोटा ने 2026 तक चालू होने वाले एक नए प्लांट में लगभग 3,300 करोड़ रुपए का निवेश करने की योजना बनाई है। गुजरात सरकार ने साणंद में कोका-कोला की फैक्ट्री के लिए अहमदाबाद के पास 160,000 वर्ग मीटर जमीन आवंटित की है।

तथ्य एक नजर में...

-8.3% हिस्सेदारी है चीन की दुनिया के टॉप 20 ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के कुल राजस्व में, भारत धीरे-धीरे चीन को दे रहा चुनौती

-5.3% रेवेन्यू के साथ हुंडई और 4.5% राजस्व के साथ फॉक्सकॉन ने भारत में तेजी से बढ़ाया उत्पादन, सैंमसंग व एपल भी तेजी से भारत में कर रहा अपना विस्तार

-01 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की राह पर भारत का मैन्युफैक्चरिंग बाजार वर्ष 2025-26 तक, कोलियर्स की रिपोर्ट के मुताबिक

-17% हिस्सेदारी है देश की जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की अभी, जो अगले 6-7 सालों में 21% तक पहुंचने का अनुमान

-148.97 अरब डॉलर तक पहुंच गया 2023 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में एफडीआइ, पिछले 9 साल में 55% की बढ़ोतरी

टॉप 10 मैन्युफैक्चरर के कुल राजस्व में हिस्सेदारी

कंपनी भारत चीन
-एपल 1.1% 18.8%
-टोयोटा 1.0 0.9%
-वॉक्सवैगन 0.6 3.2%
-सैमसंग 4.6 11.8%
-डायमलर 0.7 18.2%
-होंडा मोटर्स 1.3 13.7%
-फॉक्सकॉन 4.5 5.8%
-बीएमडब्ल्यू 0.4 29.4%
-हुंडई मोटर्स 5.3 3.4%
-बॉश 1.7 19.9%