
गुटका फैक्ट्री और डिस्ट्रीब्यूटर्स के पांच ठिकानों पर छापे (Photo patrika)
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 (असेसमेंट ईयर 2024-25) में 2.20 लाख टैक्सपेयर्स ने अपनी आय ₹1 करोड़ या अधिक घोषित की थी। यह संख्या वित्त वर्ष 2024-25 (असेसमेंट ईयर 2025-26) में बढ़कर 3,50,281 हो गई, जो एक उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाती है। इस वृद्धि के बावजूद, सीबीडीटी ने खुलासा किया कि देश में 7 से 8 लाख लोग ऐसे हैं, जिनकी आय ₹1 करोड़ से अधिक होने का अनुमान है, लेकिन उन्होंने अपनी आय कम दिखाई। ऐसे लोग अब जांच के दायरे में हैं।
देश के टॉप 3 राज्य महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, और दिल्ली में 77% से अधिक करोड़पति टैक्सपेयर्स रहते हैं। यह न केवल आय के केंद्रीकरण को दर्शाता है, बल्कि स्टार्टअप्स की घनत्व, रियल एस्टेट की गतिशीलता और नए भारतीय अभिजात वर्ग के उदय को भी दर्शाता है।
| राज्य | करोड़पति टैक्सपेयर्स |
|---|---|
| महाराष्ट्र | 1,24,98,800 |
| उत्तर प्रदेश | 24,050 |
| दिल्ली | 20,500 |
| मध्य प्रदेश | 8,684 |
| तमिलनाडु | 6,288 |
| आंध्र प्रदेश | 5,340 |
| गुजरात | 4,354 |
| पश्चिम बंगाल | 3,013 |
| कर्नाटक | 2,816 |
| जम्मू-कश्मीर | 2,600 |
तमिलनाडु: भारत का 'हाउस ऑफ इंडियन टेक' कहलाने वाला यह राज्य केवल 6,288 करोड़पति टैक्सपेयर्स के साथ है।
गुजरात: बिजनेस हब के रूप में प्रसिद्ध होने के बावजूद, यहां केवल 4,354 करोड़पति हैं, जबकि जम्मू-कश्मीर में यह संख्या 2,600 के करीब है।
महाराष्ट्र का दबदबा: देश के कुल करोड़पति टैक्सपेयर्स में 56% से अधिक अकेले महाराष्ट्र से हैं।
मुंबई भारत का वित्तीय केंद्र होने के कारण, देश भर से उद्यमी और कारोबारी यहां बसते हैं। राजस्थान के बिरला, बजाज, पीरामल, बियानी जैसे बड़े कारोबारी परिवार दशकों पहले मुंबई में अपना आधार बना चुके हैं। गुजरात, राजस्थान और अन्य राज्यों के व्यापारी भी मुंबई में निवेश और कारोबारी गतिविधियों के लिए आते हैं। स्टार्टअप्स, कॉरपोरेट मुख्यालय, रियल एस्टेट, और वित्तीय बाजारों की उपलब्धता महाराष्ट्र को करोड़पतियों का गढ़ बनाती है।
महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, और दिल्ली में करोड़पतियों की इतनी बड़ी संख्या आर्थिक गतिविधियों के इन राज्यों में केंद्रित होने का संकेत देती है। इन राज्यों में रियल एस्टेट की तेजी और स्टार्टअप इकोसिस्टम का विकास नए धन के सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
7-8 लाख लोगों पर, जो अपनी आय ₹1 करोड़ से अधिक होने के बावजूद कम दिखा रहे हैं, अब टैक्स चोरी के संदेह में जांच की जा रही है। यह आयकर विभाग की सख्ती और डेटा विश्लेषण की बढ़ती क्षमता को दर्शाता है।
सीबीडीटी की यह रिपोर्ट न केवल भारत में बढ़ते करोड़पतियों की संख्या को उजागर करती है, बल्कि देश में आर्थिक असमानता और केंद्रीकरण के गहरे मुद्दों को भी सामने लाती है। महाराष्ट्र, विशेष रूप से मुंबई, देश की आर्थिक धड़कन बना हुआ है, जबकि अन्य राज्यों में करोड़पतियों की कम संख्या क्षेत्रीय आर्थिक अंतर को दर्शाती है। टैक्स चोरी पर सीबीडीटी की सख्ती भविष्य में और पारदर्शिता ला सकती है।
Published on:
12 Jun 2025 09:23 am
बड़ी खबरें
View Allकारोबार
ट्रेंडिंग
