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अमरीका ने र्इरान पर 4 नवंबर से लगाया है प्रतिबंध
बीते सप्ताह ही पहले ही पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि देश की दो तेल कंपनियों ने पहले ही नवंबर माह में तेल आयात के लिए आॅर्डर दे दिए हैं। भारत इस बात पर भी विचार कर रहा है कि वो कच्चे तेल के लिए र्इरान से रुपए में व्यापार करे। गौरतलब है कि गत मर्इ माह में ट्रंप ने र्इरान पर 2015 न्यूक्लियर अकाॅर्ड को विड्रा करने के फैसले के बाद प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था। वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही में भारत के लिए तीसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक रहा है। वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही में र्इरान ने भारत में 81 लाख टन कच्चा तेल निर्यात किया था।
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तेल आयात कम करने के लिए पीएम मोदी की उच्चस्तरीय बैठक
न्यूज एजेंसी से बातचीत में अमरीकी प्रवक्ता ने कहा, “भारत को इसके बारे में खुद पता चलेगा। हम भी देखेंगे। हम राष्ट्रपति ट्रंप से आगे की बात नहीं कर रहे। लेकिन जब भारत द्वारा र्इरान से कच्चा तेल खरीदने या S-400 सिस्टम खरीदने के खबर सुनते है तो हमें लगता है कि ये मददगार नहीं है। अमरीकी सरकार इसपर पूरी सतर्कता से नजर बनाए हुए है।” इसी दौरान, देश की तेल विपणन कंपनियों ने पहले ही नंवबर माह के लिए करीब 40 लाख बैरल कच्चे तेल के लिए सऊदी अरब आॅर्डर को दे दी हैं जो कि र्इरान से कम तेल की आयात की भरपार्इ करे। पीएम मोदी ने भी 10 फीसदी कच्चे तेल के आयात में कटौती को लेकर उच्चस्तरीय बैठक बुलाया था। भारत अपने कुल जरूरत का 80 फीसदी कच्चा तेल विदेशों से आयात करता है।