
Cooperative department is a big hurdle in the benefit of farmers in MP
प्राइवेट या सरकारी कर्मचारी ग्रेच्युटी एक्ट के तहत ग्रेच्युटी पाने का हकदार होता है। इसका पैसा ग्रेच्युटी के तय फॉर्मूले के तहत नौकरी छोडऩे या सेवानिवृत्त होने पर कर्मचारी को दिया जाता है। ग्रेच्युटी पर टैक्स छूट की सीमा 25 लाख रुपए है। यह सीमा पूरे कामकाजी जीवन में मिलने वाली ग्रेच्युटी की राशि पर लागू होती है।
निकालने की शर्तें
सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी ग्रेच्युटी पाने के हकदार होते हैं। इसके साथ ही कोई एक ही कंपनी में लगातार पांच साल काम कर लेता है और नौकरी छोड़ देता है, तो वह भी ग्रेच्युटी पाने का पात्र माना जाता है। निर्धारित वर्ष पूरे नहीं होने पर ग्रेच्युटी नहीं मिलती।
कितना मिलता है पैसा
ग्रेच्युटी की गणना के लिए एक सरल सूत्र है। जो (अंतिम वेतन) 3 (सेवा के वर्ष) 3 (15/26)। वेतन में मूल वेतन और महंगाई भत्ता (डीए) शामिल होता है। सेवा के प्रत्येक वर्ष के लिए 15 दिन का वेतन ग्रेच्युटी के रूप में दिया जाता है और एक महीने में 26 कार्य दिवस माने जाते हैं।
ग्रेच्युटी एक्ट, 1972
ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 के अनुसार, नियोक्ता को आवेदन तिथि के 30 दिनों के भीतर ग्रेच्युटी का भुगतान करना अनिवार्य है। ऐसा न करने पर बकाया राशि पर देय तिथि से लेकर वास्तविक भुगतान तिथि तक ब्याज देना पड़ सकता है।
-प्रवीण कसेरा, सीए
Published on:
28 Jan 2025 04:24 pm
बड़ी खबरें
View Allकारोबार
ट्रेंडिंग
