
tata nano
नई दिल्ली: 2008 में एक कार ने भारतीय कार बाजार में दस्तक दी थी, इस कार को लॉन्चिंग के वक्त तो काफी पसंद किया गया लेकिन जैसे-जैसे वक्त बीतता गया इस कार की चमक भी फीकी पड़ने लगी आलम ये हुआ कि 2018 में बिक्री न होने की वजह से इस कार का प्रोडक्शन बंद कर दिया गया ।
ये कार भले ही आज सड़कों पर दिखाई नहीं पड़ती और न ही कंपनी इसका निर्माण कर रही है लेकिन ये कार टाटा मोटर्स के मालिक रतन टाटा की ड्रीम कार थी और उन्हें आज भी अपनी इस पेशकश पर गुमान है। ये कहना है खुद रतन टाटा का। इंस्टाग्राम पर वायरल हो रही एक पोस्ट में रतन टाटा की जिंदगी के कुछ पहलुओं के बारे में बात की गई है और इसी में उनके अपनी ड्रीम लखटकिया कार के बारे में विचारों को भी शेयर किया गया है।
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मुंबई की बारिश ने दिया Nano का आईडिया-
खैर 2008 में Tata Nano के लॉन्च होने के बाद इस कार से जुड़ी छोटी-बड़ी बात हर किसी को पता है लेकिन इसके पीछे की कहानी से लोग आज भी अन्जान है। इस पोस्ट में रतन टाटा ने इस राज से भी पर्दा उठाया है। रतन टाटा ने बताया कि कैसे उन्हें नैनो बनाने का ख्याल आया।
रतन टाटा ने बताया कि एक बार मुंबई में तेज बारिश के दौरान उन्होने देखा कि 4 लोगों की फैमिली एक ही बाइक पर सवार है । तब उन लोगों को इस तरह से स्ट्रगल करते देख उन्होने सोचा कि उन्हें ऐसे लोगों के लिए कुछ करना चाहिए जो बारिश में भीगने को मजबूर होते हैं और अपनी जिंदगी को खतरे में डालते हैं । बस उसी पल उन्होने लाख रूपए कीमत में छोटी फैमिली कार बनाने का पैसला किया ।
Nano प्रोडक्ट नहीं एक वादा था-
इस बारे में आगे बात करते हुए उन्होने बताया कि नैनो उनके लिए एक वादा था जो उन्होने लोगों से किया था यही वजह थी कि लॉन्चिंग के वक्त प्रोडक्शन कॉस्ट ज्यादा होने के बावजूद उन्होने कार को पुरानी कीमत पर लॉन्च कर अपना वादा पूरा किया ।
Updated on:
04 Mar 2020 03:09 pm
Published on:
04 Mar 2020 03:07 pm
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