
career in agriculture
आम धारणा है कि खेती से जुडक़र अच्छा कॅरियर नहीं बन सकता। लेकिन सच्चाई यह है कि कृषि से संबंधित पढ़ाई पूरी करने के बाद आप सीधे तौर पर खेती या इससे सम्बंधित गतिविधियों से जुडक़र कृषि क्षेत्र में अच्छा कॅरियर बना सकते हैं।
तेजी से बदलते समय के साथ लोगों की सोच में भी सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिला है। कुछ साल पहले तक देश का युवा वर्ग खेती किसानी से इतर, पढ़ाई के नाम पर केवल इंजीनियरिंग और डॉक्टरी के पीछे ही भागता था तो वहीं अब कृषि के क्षेत्र में भी युवाओं को कॅरियर की अपार संभावनाएं नजर आने लगी हैं। भारत एक कृषि प्रधान देश है और देश की लगभग 70 फीसदी आबादी जीविका के लिए आज भी पूरी तरह कृषि पर ही निर्भर करती है और यह भारत की अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। रिसर्च और इनोवेशन ने खेती का दायरा बढ़ा दिया है। अब पारंपरिक तरीके के आलावा होर्टीकल्चर, पोल्ट्री फार्मिंग, कृषि जैव प्रोद्योगिकी और डेयरी फार्मिंग की ओर भी बढ़ा है। कृषि उत्पादन के विपणन, वितरण और पैकेजिंग पर ध्यान देकर बिजनेस किया जा रहा है।
एग्रीकल्चर कोर्स एवं योग्यता
एग्रीकल्चर सर्टिफिकेट कोर्स
10वीं या 12वीं के बाद आप एग्रीकल्चरल सर्टिफिकेट प्रोग्राम में भाग ले सकते हैं। इस कोर्स की अवधि 1 से 2 साल के बीच की होती है।
सर्टिफिकेट इन एग्रीकल्चर साइंस
सर्टिफिकेट इन फूड एंड बेवरीज सर्विस
सर्टिफिकेट इन बायो-फर्टिलाइजर प्रोडक्शन
एग्रीकल्चर डिप्लोमा कोर्स
10वीं या 12वीं पूरा करने के बाद डिप्लोमा किया जा सकता है। इस कोर्स की अवधि आम तौर पर 3 साल होती है। लेकिन, संस्थान और कोर्स प्रकार के आधार पर यह 1 से 3 साल के बीच भी कहीं-कहीं हो सकती है।
डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर
डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एंड अलाइड प्रैक्टिस
डिप्लोमा इन फूड प्रोसेसिंग
बैचलर ऑफ साइंस (बीएससी)
यह कार्यक्रम 3 साल लंबा है। साइंस साइड से 10+2 उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
बीएससी इन एग्रीकल्चर
बीएससी इन क्रॉप साइकोलॉजी
बीएससी इन डेयरी साइंस
बी.एससी इन फिशरीज साइंस
बी.एससी इन प्लांट साइंस
स्नातक कोर्स
बीई या बीटेक कार्यक्रम इंजीनियरिंग डिग्री पाठ्यक्रम हैं। ये शैक्षणिक कार्यक्रम 4 साल का होता है। इसके लिए 10+2 साइंस से उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
बीटेक इन एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग
बीटेक इन एग्री. इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी
बीटेक इन एग्री. एंड डेयरी टेक्नोलॉजी
बीटेक इन एग्री. एंड फूड इंजीनियरिंग
बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (बीबीए)
यह एक स्नातक स्तर के प्रबंधन कार्यक्रम है। इस कोर्स की अवधि 3 साल है। इस कोर्स को करने के लिए 10+2 होना आवश्यक है।
बीबीए इन एग्रीकल्चर मैनेजमेंट
मास्टर्स कोर्स
मास्टर डिग्री, पीजी डिप्लोमा और पीजी प्रमाणपत्र कार्यक्रम पीजी स्तर के पाठ्यक्रम होते हैं। बैचलर डिग्री कोर्स पूरा करने वाले उम्मीदवार इन पाठ्यक्रमों से जुडक़र अपना कॅरियर बना सकते हैं।
एमएससी इन एग्रीकल्चर
एमएससी इन बायोलॉजिकल साइंस
एमएससी इन एग्रीकल्चर बॉटनी
डॉक्टरल कोर्स
पीएचडी एक शोध आधारित डॉक्टरेट कार्यक्रम होता है। ऐसे उम्मीदवार जिन्होंने प्रासंगिक पीजी कोर्स पूरा कर लिया है, वे इस कार्यक्रम में हिस्सा ले सकते हैं।
डॉक्टर ऑफ फिलोसॉफी इन एग्रीकल्चर
डॉक्टर ऑफ फिलोसॉफी इन एग्रीकल्चर बायोटेक्नोलॉजी
डॉक्टर ऑफ फिलोसॉफी इन एग्रीकल्चरल एंटोमोलॉजी
ये हैं प्रमुख संस्थान
एग्रीकल्चर कोर्स करने के लिए देश में कई सरकारी और गैर सरकारी कॉलेज मौजूद हैं। आप इनमें से किसी भी कॉलेज में एडमिशन ले सकते हैं-
पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, लुधियाना
खालसा कॉलेज, अमृतसर
लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, जलंधर
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, मोहाली
गुरु अंगद देव वेटनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी, लुधियाना
नौकरियों की भरमार
एग्रीकल्चर की पढ़ाई पूरी करने के बाद आप सरकारी और गैर सरकारी संगठनों में काम कर सकते हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च में अपना हुनर दिखा सकते हैं। एग्रीकल्चर इंजीनियर फॉरेस्ट्री, फूड प्रोसेसिंग, रूरल डवलपमेंट, मशीन डवलपमेंट जैसे क्षेत्रों में भी नौकरी कर सकते हैं। रिटेल कंपनियां एग्री-साइंस ग्रेजुएट्स को जॉब देती हैं। यूपीएससी हर साल एग्रीकल्चरल स्पेशलिस्ट की नियुक्ति करती है।
- तौसिफ अहमद खान, फाउंडर, ग्रामोफोन
Published on:
22 Sept 2018 11:30 am
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