
IIT Kanpur
तिरुपति। IIT कानपुर समेत देश के कई संस्थानों ने संस्कृत को आमजन तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए देश की कई तकनीकी और शिक्षण संस्थाओं ने हाथ मिलाया है। बुधवार को यहां राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ की ओर से आयोजित 'डिजिटाइज्ड संस्कृत कॉप्र्स' नामक विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में इन संस्थाओं ने संस्कृत भाषा को आमजन तक पहुंचाने पर सहमति जताई है।
इस परियोजना का उद्देश्य संस्कृत भाषा का पुनरोत्थान करना है। कार्यशाला में इस बात पर जोर दिया गया कि तकनीक की मदद से ऑपरेटिंग सिस्टम को उन्नत बनाना, ताकि संस्कृत में भी इंटरनेट पर सामग्री खोजी जा सके और उपलब्ध कराई जा सके। कार्यशाला में सभी संस्थानों ने संस्कृत में इंटरनेट पर सामग्री मुहैया कराने पर जोर दिया। इसके अलावा, सामग्री के डिजिटलीकरण की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करना भी है।
राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ के वीसी प्रोफेसर मुरलीधर शर्मा ने तिरुपति में बताया कि सभी संस्थान इस बारे में सहमति पत्र पर दस्तखत भी करेंगे। नई सामग्री की पहचान करेंगे और दूसरी भाषाओं से सामग्री के अनुवाद में आने वाली अड़चनों को भी दूर करने की कोशिश करेंगे। रजामंदी देने वालों में आईआईटी कानपुर, वैदिक संशोधन मंडल (पुणे), कर्नाटक संस्कृत यूनिवर्सिटी (बेंगलूरु) समेत 10 संस्थान शामिल हैं।
अब ऑनलाइन परीक्षा के जरिए होगा आईआईटी में दाखिला
नई दिल्ली। अगले साल से आईआईटी में दाखिले के लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की जाएगी। यह फैसला चेन्नई में ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड की एक मीटिंग में लिया गया। इसके लिए कंप्यूटर व तकनीक से लैस परीक्षा केंद्र तैयार किए जाएंगे। साथ ही ऑनलाइन परीक्षा में छात्रों को किसी तरह की कोई असुविधा न हो इसके लिए उन्हें तीन दिन की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। आईआईटी मद्रास के डायरेक्ट एंड ज्वाइंट एडमिशन बोर्ड के चेयरमैन भास्कर राममूर्ति ने यह जानकारी देते हुए कहा कि दाखिला परीक्षा ऑनलाइन होने से कई चीजों में काफी आसानी हो जाएगी। इसके अलावा देशभर में बढ़ रही दुर्घटनाओं को देखते हुए आईआईटी दिल्ली समेत देशभर के करीब 500 कॉलेज टेक्नोलॉजी और इनोवेशन पर काम करेंगे, ताकि भारत में दुर्घटनाएं कम की जा सके। इस पर काम शुरू हो चुका है। जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।

Published on:
30 Sept 2017 07:21 pm
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