भारत में आई मोबाइल क्रांति से जहां संचार और मनोरंजन के नए आयाम खुले हैं, वहीं लोगों के लिए नए आर्थिक अवसर पाना आसान हो गया है । राजस्थान के भीलवाड़ा के रहने वाले अंकुर मेहता और उनकी पत्नी कोमल स्मार्टफोन टेक्नोलॉजी के जरिए एक इनोवेटिव आइडिया को अंजाम देते हुए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की उन्नति के लिए काम कर रहे हैं । कोमल व अंकुर दोनों ही चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। सिटी बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और टिशमन स्पायर जैसी नामी कंपनियों में काम करने के बाद दोनों ने स्टार्टअप शुरू करने का फैसला किया। वे कुछ ऐसा करना चाहते थे जिससे समाज के बड़े तबके को फायदा पहुंचाया जा सके ।
अंकुर और कोमल ने जॉब नुक्कड़ शुरू किया। यहब्लू कॉलर जॉब पोर्टल है। इसके एप और वेबसाइट के जरिए कम पढ़-लिखे लोग जैसे बाई, आया, ड्राइवर आदि अपने लिए घर बैठे नौकरियां ढूंढ सकते हैं। अंकुर बताते हैं कि बड़े शहरों में जहां पति-पत्नी दोनों नौकरी करते हैं, वहां ये जरूरी हो जाता है कि अपने बच्चे के लिए एक अच्छी आया रखें। कंपनी की इस सेवा की मार्केट में व्यापक मांग है और ये आने वाले समय में और बढऩे वाली है। कोमल बताती हैं कि जब उनके जुड़वां बच्चे हुए और अच्छी आया मिलने में मुश्किल हुई, तब उन्हें अहसास हुआ कि ये कितनी जटिल समस्या है और तभी कंपनी ने इस सेवा पर ध्यान केंद्रित किया। अब कंपनी बेहतर सर्विस पर फोकस कर रही है।
एक रिसर्च के अनुसार मेट्रो शहरों में लगभग 80 फीसदी ड्राइवर स्मार्टफोन का प्रयोग करते हैं, वहीं मेड के मामले में यह संख्या 20 फीसदी है। नौकरी ढूंढऩे वाली महिलाओं को ऑनलाइन सपोर्ट के साथ-साथ ऑफलाइन सपोर्ट भी दिया जाता है। गांवों में अधिक आमदनी नहीं होने की वजह से कुछ महिलाओं को मुंबई में आकर काम करना पड़ता है। ऐसी महिलाओं को कंपनी के कर्मचारी पूरा सपोर्ट देकर 24 घंटे से भी कम समय में नौकरी दिलवा देते हैं। कर्मचारियों को ट्रेनिंग देकर उनके कौशल को बढ़ाया जाता है।
कंपनी आधार कार्ड और ऑनलाइन डाटाबेस के द्वारा कर्मचारियों की पृष्ठभूमि जांच करती है। कंपनी की भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का प्रयोग करके कर्मचारियों का प्रोफाइलिंग और साइको-मेट्रिक टेस्ट करने की योजना है। साथ ही एप के द्वारा मेड्स को ऑन द जॉब ट्रेनिंग देने की तैयारी भी है। दोनों फाउंडर्स के लिए ये क्षेत्र नया था। ऐसे में फील्ड की बारीकियां समझने में समय लगा। इसके लिए कंपनी रोज नए प्रयोग करती है जिससे ये पता लगे कि क्या काम कर रहा है और क्या नहीं। अगर कोई परीक्षण काम नहीं कर रहा है, तो अगला परीक्षण शुरू किया जाता है। Govt Jobs
भारत में रोजगार की स्थिति के बारे में कोमल बताती हैं कि आंकड़ों के अनुसार अगले बीस साल तक हर साल 1.2 करोड़ युवा श्रम बल में जुड़ जाएंगे। इसके मुकाबले नए रोजगार के अवसर बहुत ही छोटी संख्या में सृजित हो रहे हैं। तकनीकी युग में रोजगार बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका है कि हम एंटरप्रेन्योरशिप और स्टार्टअप को बढ़ावा दें। इसके साथ-साथ नए अपकमिंग क्षेत्रों में युवाओं के कौशल को बढ़ाकर भारत को दुनिया का श्रम-केंद्र बनाया जा सकता है। हमारे देश में समस्याएं बहुत हैं, जरुरत है कि हम अपने आस-पास देखें और सोचें कि हम कैसे उन समस्याओं को बड़े पैमाने पर हल कर सकते हैं। इसी से नए बिजनेस मॉडल का जन्म होता है।
जहां पढ़े-लिखे लोगों के लिए नौकरी डॉट कॉम, लिंक्डइन जैसे कई ऑनलाइन प्लॅटफॉर्म हैं, वहीं कम आय वर्ग के लोगों को नौकरी ढूंढने में खासी परेशानी आती है। ऐसे नौकरी खोजने वाले स्त्री और पुरुष आसानी से जॉबनुक्कड़ डॉट कॉम पर रजिस्टर करवा सकते हैं और बेहतर नौकरियां पा सकते हैं। कंपनी 1500 लोगों को मुंबई में नौकरी दिलवा चुकी है। कंपनी वर्तमान में मुंबई में कार्यरत है और भविष्य में सभी बड़े शहरों में विस्तार करने की योजना है। ड्राइवर प्लेसमेंट के लिए कंपनी ने ओला कंपनी के साथ करार किया है।
जॉब नुक्कड़ की शुरुआत बी 2 बी बिजनेस मॉडल से हुई थी पर प्रॉफिट मार्जिन कम होने से कंपनी ने नए सिरे से मार्केट का मूल्यांकन किया और सिर्फ ऐसे सेवा वर्गों पर ध्यान केंद्रित करने के फैसला किया, जहां मांग अति आवश्यक हो। इस तरह कंपनी ने बी 2 सी मॉडल शुरू किया। जब जॉब नुक्कड़ की तरफ से किसी जरुरतमंद को नौकरी दिलाई जाती है या जब ग्राहक कंपनी की सर्विस से खुश होते हैं, तो ये ही बातें टीम को आगे बढऩे के लिए काफी प्रोत्साहित करती हैं। सरकारी नौकरी
अंकुर का मानना है कि जिस तरह स्मार्टफोन्स और मोबाइल डाटा सस्ते हो रहे हैं, वैसे-वैसे ग्रामीण क्षेत्र और निचले आय वर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर व्यवसाय के नए मॉडल बनाए जा रहे हैं। भविष्य में टेक्नोलॉजी बड़े बदलाव लेकर आने वाली है, जिसकी कल्पना भी मुश्किल है। ऐसे में जरूरी है कि युवा वर्ग अपने आपको नए परिवर्तनों से अपडेटेड रखें और कुछ इनोवेटिव करने का प्रयास करें। वे युवाओं को जोखिम उठाने और स्टार्टअप का अनुभव करने के लिए प्रेरित करते हैं।
कंपनी आधार कार्ड और ऑनलाइन डाटाबेस के द्वारा कर्मचारियों की पृष्ठभूमि जांच करती है। कंपनी की भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का प्रयोग करके कर्मचारियों का प्रोफाइलिंग और साइको-मेट्रिक टेस्ट करने की योजना है। साथ ही एप के द्वारा मेड्स को ऑन द जॉब ट्रेनिंग देने की तैयारी भी है। दोनों फाउंडर्स के लिए ये क्षेत्र नया था। ऐसे में फील्ड की बारीकियां समझने में समय लगा। इसके लिए कंपनी रोज नए प्रयोग करती है जिससे ये पता लगे कि क्या काम कर रहा है और क्या नहीं। अगर कोई परीक्षण काम नहीं कर रहा है, तो अगला परीक्षण शुरू किया जाता है। प्राइवेट नौकरी