इस मौके पर डॉ. अजय कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय उच्च पथ रांची के नामकुम से लेकर पूर्वी सिंहभूम जिले के बहरागोडा तक सड़क की जर्जर स्थिति होने के कारण 700 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं करीब 1100 से अधिक दुर्घटनाओं में दो हजार से अधिक लोगों का अंग भंग हो चुका है। हजारों वाहन प्रत्येक महीना सड़क पर खराब हो रहे है, आम और खास नागरिकों को सड़क पर यात्रा करने के दौरान समय की बर्बादी हो रही है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जनता को होने वाले नुकसान का जिम्मेदारी लेने के मामले में भाजपा सरकार भाग रही है, इसमें नरेन्द्र मोदी की केन्द्र सरकार एवं रघुवर दास की राज सरकार शामिल है। अजय कुमार ने कहा कि सड़क निर्माण के नाम पर 1520 करोड़ रुपये बैंक से निकाल कर हडप लिए गए।
उन्होंने आरोप लगाया कि संवेदक ने सरकार से मिल कर बड़े पैमाने पर पैसों का बंदर बॉट कर लिया है। इस बात को झारखंड हाई कोर्ट ने संज्ञान लेने के बाद पकड़ा, 170 करोड़ रू का हिसाब सरकार के खाता में नहीं मिल रहा है। जनता को बहुत बड़े पैमाने पर भाजपा सरकार ने छला है।
कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक दलों और संगठनों की ओर से भी सड़क की स्थिति में सुधार की मांग को लेकर पूर्व में भी कई बार प्रदर्शन किया जा चुका है। करीब एक दशक से इस सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन उच्च न्यायालय के कई बार निर्देश के बावजूद भी अब भी काम पूरा नहीं हो सका। इस सड़क निर्माण की मांग को लेकर धान-रोपनी और गड्ढे में मछली पालन कर सांकेतिक रूप से विरोध प्रदर्शन किया जा चुका है।
वर्ष 2014 के पहले केंद्र और झारखंड में यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान भाजपा नेता भी इस एनएच-33 की जर्जर स्थिति को लेकर आंदोलन कर चुके है और उस आंदोलन का नेतृत्व रघुवर दास और सरयू राय द्वारा किया गया था। तब भाजपा नेताओं द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के समक्ष आयोजित प्रदर्शन को लेकर एनएचआई की ओर से कई नेताओं-कार्यकर्त्ताओं के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया गया था।