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चंडीगढ़ पंजाब

कृषि कानून केंद्र सरकार की ‘किसान मारू, पंजाब मारू’ साजिश का हिस्साः मुख्यमंत्री

हरसिमरत बादल की ‘किसान भाईयों’ की टिप्पणी पर चुटकी लेते हुये पूछा, किसान विरोधी विधेयक लाए जाने के मौके पर आप कहाँ थे?

चंडीगढ़ पंजाबSep 19, 2020 / 12:47 pm

Bhanu Pratap

Captain amarinder singh

Captain amarinder singh

चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केंद्र सरकार लाए गए कृषि कानूनों को अकालियों की हिस्सेदारी वाली भाजपा की एनडीए की ‘किसान मारू, पंजाब मारू’ साजिश बताया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सब कुछ घटने के बावजूद अकाली अपने राज्य और लोगों की कीमत पर बेशर्मी के साथ गठजोड़ का हिस्सेदार बने हुए हैं।
पंजाब के साथ क्या दुश्मनी

पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी लुधियाना के वर्चुअल किसान मेले की शुरुआत के मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे नहीं पता कि भाजपा और अकालियों की पंजाब के साथ क्या दुश्मनी है और वह हमें तबाह करने पर क्यों तुले हुए हैं? यह मेला ऑनलाइन संपर्क के साथ 100 स्थानों पर हुआ जिनमें कैबिनेट मंत्रियों, विधायकों और पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़ समेत किसानों, किसान नुमायंदों और अन्य भाईवालों ने शिरकत की।
पाकिस्तान को आग और भड़काने का मौका मिलेगा

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने एक बार फिर चेतावनी दी कि यह कानून सरहदी राज्य के लोगों में गुस्सा की भावना पैदा करेंगे जिससे पाकिस्तान को आग और भडक़ाने का मौका मिल जायेगा। किसान विरोधी कदम पंजाब की आबो-हवा को खऱाब करेगा। केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर फिर विचार करना होगा। यह कानून मुल्क की अनाज सुरक्षा के लिए पंजाब और यहाँ के किसानों की तरफ से 65 सालों में से किये बलिदानों को मिट्टी में मिला देंगे।
अकाली दल पर आरोप

इस समूचे मामले में अकालियों की तरफ से अपने संकुचित राजनैतिक हितों की ख़ातिर राजनीति खेलने का दोष लगाते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बादलों से पूछा कि कृषि बिल और पानी के संवेदनशील मुद्दे पर शिरोमणि अकाली दल पंजाब सरकार के साथ खड़े रहने में नाकाम क्यों रहा। उन्होंने अकालियों को कहा कि क्या आपने एक बार भी सोचा कि कृषि और पानी के बिना पंजाब के साथ क्या होगा? उन्होंने कहा कि सतलुज यमुना लिंक नहर के मुद्दा लटक रहा है, हालात ख़तरनाक हैं और अकाली दल ने सिफऱ् कृषि विधेयक का समर्थन करके संकट बढ़ाने में योगदान डाला।
मकई का समर्थन मूल्य नहीं दिया जा रहा

मुख्यमंत्री ने कहा केंद्र सरकार के इन्कार के बावजूद यह नये कानून आखिर में न्यूनतम समर्थन मूल्य के ख़ात्मे और एफसीआई का अंत करने के लिए रास्ता साफ करेंगे और किसानों को बड़े कॉर्पोरेट घरानों के रहमो-करम पर छोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि यह सब कुछ शांता कुमार कमेटी की सिफारिशों की राह पर किया जा रहा है। इन कानूनों का ज़ोरदार विरोध करते हुये मुख्यमंत्री ने न्युनतम समर्थन मूल्य के साथ छेड़छाड़ न करने के बारे केंद्र की गारंटी को रद्द करते हुये कहा कि यह संवैधानिक गारंटी संसद की तरफ से दी गई थी जिसको अपितु केंद्र की मौजूदा सरकार की तरफ से बहुमत की धौंस में तबाह करने की कोशिश की जा रही है। भारत सरकार की संजीदगी पर सवाल उठाते हुये उन्होंने कहा कि मकई जैसी फसलों पर पहले ही घोषित किया जा चुका न्यूनतम समर्थन मूल्य भी किसानों को नहीं दिया जा रहा।
बहुत की धौंस में बिल पारित कराया

केंद्रीय मंत्री राओसाहिब पाटिल और शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल के झूठे और भ्रामक दावों के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीतिज्ञों को ऐसे गंभीर मुद्दों पर झूठ नहीं बोलना चाहिए क्योंकि ऐसे मसले हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए गहरे मायने रखते हैं। उन्होंने कहा कि राजनीति को एक तरफ़ कर दो, यह मसला सीधे तौर पर हमारे बच्चों के भविष्य के साथ जुड़ा हुआ है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि लोक सभा में सिर्फ13 सीटें हैं और कांग्रेस की आवाज़ को दबा कर केंद्र सरकार ने बहुमत की धौंस से यह ख़तरनाक और किसान विरोधी बिल पास कर दिए। उन्होंने कहा कि भारत की आने वाली पीढ़ीयां एन.डी.ए. और इसके सहयोगियों की तरफ से देश के किये नुक्सान के लिए कभी भी माफ नहीं करेंगी।
बिल लाते समय किसान भाइयों क्यों भूल गई मंत्री

हरसिमरत बादल की तरफ केंद्रीय कैबिनेट में से इस्तीफ़ा देने के मौके पर किसानों भाईयों के साथ खड़े होने के बयान पर चुटकी लेते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पूछा कि जब केंद्र सरकार विधेयक लाई थी तब वह किसानों भाइयों को क्यों भूल गई थी। उन्होंने कहा कि अगर अकाली दल शुरू से ही राज्य सरकार के साथ खड़ा होता और अपने हिस्सेदार भाजपा पर दबाव बनाता तो शायद मौजूदा स्थिति पैदा न होती। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि छोटा राज्य होने के बावजूद पंजाब और इसके किसानों ने अपना ख़ून-पसीना बहा कर देश को अतिरिक्त अनाज वाला देश बनाया जो कई साल अनाज की किल्लत के कारण दूसरे देशों आगे के हाथ फैलाता रहा। वर्षों से पंजाब ने देश को भूखे मरने से बचाये रखा हुआ है। उन्होंने कहा कि यहाँ तक कि कोविड महामारी के दौरान पंजाब के गोदामें से ले जाकर देश भर में गरीबों को अनाज बांटा गया।

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