तमिलनाडु में विद्यार्थियों, अभिभावकों व राजनीतिक दलों ने कोरोना की वजह से परीक्षाएं नहीं कराने की मांग की थी।
सीएम ने कहा कि विद्यार्थियोंं को अंक विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के मापदंड के आधार पर दिए जाएंगे। सरकार ने यह निर्णय उच्च स्तरीय समिति से परामर्श के बाद लिया है।
पलनीस्वामी ने कहा कि राज्यभर में इन महाविद्यालयों के यूजी विद्यार्थियों को यह छूट दी गई है। इसी तरह पीजी की पढ़ाई कर रहे प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों की भी परीक्षा पर रोक लगा दी गई है। इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रथम तीन वर्ष के विद्यार्थियों के सेमेस्टर नहीं होंगे। यही व्यवस्था पॉलीटेक्निक कॉलेजों के पहले दो साल के विद्यार्थियों के लिए भी है। उनकी परीक्षाएं भी निरस्त कर दी गई है। इनको बिना परीक्षा के उत्तीर्ण माना जाएगा। एमसीए के विद्यार्थियोंं को भी परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं है।
मूल्यांकन प्रणाली
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि राज्य को विद्यार्थियों के मूल्यांकन की अपनी प्रणाली लागू करने की छूट दी जाए। इसमें सरकार गुणवत्ता तथा अकादमिक दक्षता को लेकर किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगी। सरकार ने परीक्षा निरस्त करने का निर्णय बेहतर रोजगार अवसर व विद्यार्थियों के सुनहरे भविष्य तथा अच्छी सेहत को देखते हुए किया है। ऐसे में सरकार को मूल्यांकन की स्वायत्तता भी मिलनी चाहिए। इससे पहले सीएम ने केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को पत्र लिखकर स्पष्ट कर दिया था कि हम कोरोना महामारी की वजह से सितम्बर महीने तक भी सेमेस्टर परीक्षाएं नहीं करा सकते हैं।