रामदास ने की टिक-टॉक एप के खिलाफ कार्रवाई की मांग
-कहा किशोरों पर पड़ रहा बुरा असर
चेन्नई. पीएमके संस्थापक एस. रामदास ने मंगलवार को कहा कि किशोरों के लिए टिक टॉक एप्लीकेशन एक नशे की तरह हो चुका है, राज्य सरकार को इसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि टिक-टॉक युवा पीढ़ी को प्रभावित करता चला जा रहा है इससे लोगों की आजीविका पर असर पड़ेगा। जो लोग इसका इस्तेमाल करते हैं उनके लिए यह एक ड्रग की तरह हो चुका है। ऐप में शेयर किए जाने वाले विडियो पर किसी प्रकार की निगरानी नहीं रखी जा रही है, जो कि खतरे से खाली नहीं है। उन्होंने कहा इस ऐप का इस्तेमाल करने वाले बहुत सारे लोग हकीकत को भूलते हुए समय व्यर्थ करने में लगे है। एप्लीकेशन विशेष कर किशोरों के लिए तो बहुत ही खतरनाक है। उन्होंने कहा इंडोनेशिया सरकार ने तो इस एप्लीकेशन पर प्रतिबंध भी लगा दिया है और बहुत सारे अन्य देश इसके बुरे प्रभाव पर विचार कर रहे हंै। ऐसे हालात में राज्य सरकार को भी एप्लीकेशन में निगरानी रखते हुए नियंत्रण करने के लिए आगे आना चाहिए। साथ ही रामदास ने किशोरों के परिजनों से अपने बच्चों को इस ड्रग से बचाने का आग्रह किया। टिक टॉक एक विडियो शेयरिंग ऐप है जहां पर लोग खुद की शॉर्ट क्लिप लेकर शेयर कर सकते हैं। लाखों किशोर इस ऐप का इस्तेमाल भी कर रहे हैं लेकिन ऐसी जानकारी मिली है कि ऐप के माध्यम से किशोरों तक आपत्तिजनक विडियो भी पहुंच रहे हैं।
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