इस बात को लेकर वह सुनिश्चित नहीं थी कि अपनी देश भर की यात्रा पूरी कर पाएंगी अथवा नहीं। वह बीमार पड़ गई और पंजाब के जालंधर में हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ा। उनके दृढ़ निश्चय ने अट्टीबेल्ली (कर्नाटक) तक उनकी यात्रा को पूरा करने में सहयोग दिया। इसके बाद उन्होंने तमिलनाडु की यात्रा शुरू की। उन्होंने 3,404 किलोमीटर की यात्रा पूरी की।
एयर इंडिया की पूर्व कर्मचारी सूफिया को अभी और 633 किलोमीटर की यात्रा तय करनी है। तभी उनका मिशन पूरा होगा। इसके बाद वे गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में प्रवेश करेंगी। वे बताती हैं कि उन्होंने 2008 में एयर इंडिया ज्वॉइन की और करीब 10 साल तक वहां काम किया। फरवरी 2019 में उन्होंने अपनी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया। उनका सपना था कि वे देश भर में दौड़ लगाए।
उन्हें अपने निर्णय पर कोई अफसोस नहीं है। एक नियोक्ता के लिए काम करने का क्या उपयोग है जो आपके मिशन और नेक काम को मदद करने के लिए तैयार नहीं है। वे प्रतिदिन 50 किलोमीटर दौड़ती हैं। वे अपनी दौड़ अलसुबह शुरू करती हैं। सुबह 7.00 बजे से पहले 30 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर लेती हैं। बचे 20 किलोमीटर के लिए वे वापस संध्या के समय दौड़ शुरू करती हैं।