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छतरपुर में 45 करोड़ की लागत से सेंट्रल लाइब्रेरी बनकर तैयार, एक हजार किताबें जुटाई, 20 हजार खरीदेंगे

नई लाइब्रेरी में फर्नीचर और कंप्यूटर की स्थापना हो चुकी है। इसके साथ ही कलेक्टर पार्थ जैसवाल द्वारा की गई अपील के बाद शहरवासियों ने बढ़-चढकऱ सहयोग किया है। अब तक लगभग एक हजार किताबें दान में प्राप्त हो चुकी हैं।

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सेंट्रल लाइब्रेरी

छतरपुर. शहर की सबसे बड़ी और बहुप्रतीक्षित सेंट्रल लाइब्रेरी अब बनकर पूरी तरह तैयार हो चुकी है। लोक निर्माण विभाग द्वारा 45 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित इस आधुनिक पुस्तकालय को नीति आयोग की आकांक्षी जिला योजना के तहत तैयार किया गया है। यह लाइब्रेरी न केवल पुस्तकों का भंडार होगी, बल्कि तकनीकी रूप से भी हाइटेक सुविधाओं से युक्त होगी। इसमें इंटरनेट, वाईफाई, कम्प्यूटर लैब, और विशेष पढ़ाई क्षेत्र की व्यवस्था की गई है।

लाइब्रेरी के संचालन के लिए समिति का होगा गठन


जिले के कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने बताया कि लाइब्रेरी के सुचारु संचालन के लिए शीघ्र ही एक संचालन समिति का गठन किया जाएगा। इस समिति में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ शिक्षाविदों को भी शामिल किया जाएगा, जो न केवल संचालन की निगरानी करेंगे, बल्कि लाइब्रेरियन और अन्य स्टाफ की नियुक्ति में भी भूमिका निभाएंगे। कलेक्टर ने इसे शहर का एक शैक्षणिक संस्थान के रूप में स्थापित करने की दिशा में बड़ा कदम बताया।

फर्नीचर और कंप्यूटर हो चुके हैं इंस्टॉल, किताबों का संग्रहण जारी


नई लाइब्रेरी में फर्नीचर और कंप्यूटर की स्थापना हो चुकी है। इसके साथ ही कलेक्टर पार्थ जैसवाल द्वारा की गई अपील के बाद शहरवासियों ने बढ़-चढकऱ सहयोग किया है। अब तक लगभग एक हजार किताबें दान में प्राप्त हो चुकी हैं। कलेक्टर ने जानकारी दी कि इसके अतिरिक्त 20 हजार नई किताबों की खरीदी की जाएगी, जिसकी प्रक्रिया आगामी एक माह में पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद एक विशेष शुभारंभ कार्यक्रम के साथ लाइब्रेरी को आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा।

प्रतियोगी परीक्षार्थियों के लिए विशेष कोचिंग-जैसा माहौल


सेंट्रल लाइब्रेरी में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए एक विशेष व्यवस्था की जाएगी। हाइटेक कम्प्यूटर लैब में परीक्षाओं से संबंधित पाठ्य सामग्री, ई-बुक्स और ऑनलाइन टेस्ट प्लेटफॉर्म उपलब्ध होंगे। इसके साथ ही लड़कियों और लडक़ों के लिए अलग-अलग पढऩे की जगहें निर्धारित की जाएंगी, जिससे उन्हें शांति से अध्ययन करने का अवसर मिलेगा।

युवाओं को मिलेगा तकनीकी ज्ञान और आत्मनिर्भरता की दिशा


यह लाइब्रेरी सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि तकनीकी दक्षता को भी बढ़ावा देगी। यहां आने वाले छात्र कंप्यूटर पर काम करना सीख सकेंगे, जिससे उन्हें डिजिटल युग में आगे बढऩे में मदद मिलेगी। यह स्थान विद्यार्थियों के लिए एक नॉलेज हब की तरह कार्य करेगा, जहां वे आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रयास कर सकेंगे।

भविष्य में बनेगा शहर का शैक्षणिक केंद्र


सेंट्रल लाइब्रेरी को लेकर शहर के छात्र, अभिभावक और शिक्षक वर्ग में भारी उत्साह है। यह लाइब्रेरी न केवल छतरपुर शहर बल्कि आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले छात्रों के लिए भी एक बड़े शैक्षणिक केंद्र के रूप में कार्य करेगी। इससे जिले में पढ़ाई का माहौल, अध्ययन की गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धा की तैयारी को नई दिशा मिलेगी।

पत्रिका व्यू


सेंट्रल लाइब्रेरी छतरपुर जिले के लिए एक ऐतिहासिक और दूरदर्शी परियोजना साबित हो सकती है। इस पहल से न केवल युवाओं को आधुनिक और समृद्ध शैक्षणिक संसाधन मिलेंगे, बल्कि जिले की शिक्षा व्यवस्था को भी नई ऊर्जा और पहचान मिलेगी। कलेक्टर पार्थ जैसवाल की यह पहल आने वाले समय में हजारों छात्रों के भविष्य को संवारने का माध्यम बनेगी।