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जिला अस्पताल में फरवरी में शुरू होगी इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब, 90 प्रकार की होंगी जांचे

इस नई सुविधा से मरीजों को सस्ती और गुणवत्ता वाली चिकित्सा जांच मिल सकेगी, जिससे जिले के स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार होगा। इसके साथ ही, यह कदम कोविड-19, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की जल्द पहचान और इलाज में भी मददगार साबित होगा।

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इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब

छतरपुर. जिला अस्पताल में फरवरी माह में इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब शुरू करने की तैयारी की गई है। शुरू की जाएगी। आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के तहत भारत सरकार का राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन इस लैब का संचालन कराएगा। यहां संचारी व गैर संचारी रोगों से जुड़ी हर जांच 24 घंटे उपलब्ध रहेगी। इस प्रयोगशाला में सभी प्रोग्राम के लैब टेक्नीशियन एक ही जगह काम करेंगे। यह शुरू होने के बाद डेंगू, चिकनगुनिया, स्क्रब टाइफस, मलेरिया, एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम, डायरिया, टीबी, कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, गुर्दा, मोतियाबिंद, अल्जाइमर और गैर संचारी रोगों सहित 90 प्रकार की जांच होंगी। लैब निर्माण के बाद इसमें 11 लैब टेक्नीशियन, 1 माइक्रो बायोलॉजिस्ट, 1 बायोकेमिस्ट, 1 पैथोलॉजिस्ट की नियुक्ति होगी।

एक साल में शुरू हुई ये सुविधाएं


जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए पिछले कुछ महीनों में कई कदम उठाए गए हैं। करीब छह महीने पहले अस्पताल परिसर में दो सोनोग्राफी मशीनों की स्थापना की गई थी, ताकि मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सके। इसके अलावा, रेडियोग्राफी के लिए चार नए डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है। नवंबर माह में हार्ट जांच के लिए एक ईको मशीन भी स्थापित की गई थी। इन सभी प्रयासों के बाद, अब 94.14 लाख रुपए की लागत से तैयार होने वाली इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब एक और महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

इन जांचों के लिए भटकना नहीं पड़ेगा

  • कोरोना की आरटीपीसीआर
  • कैंसर
  • हृदय रोग
  • डायबिटीज
  • मलेरिया, डेंगू
  • स्क्रब टाइफ, एईएस (चमकी बुखार)
  • टीबी
  • गुर्दे और मोतियाबिंद की जांच
  • ब्लड शुगर, यूरिक एसिड
  • ईकोकार्डियोग्राफी, सीबीसी
  • हॉर्नल टेस्ट, टीएसएच, बी-12, विटामिन डी
  • ब्लड कल्चर, यूरीन कल्चर
  • सीमन एनालिसिस
  • प्रोथ्रॉम्बिन और सीबीसी

बाहर नहीं जाना पड़ेगा


यह नई लैब जिले के नागरिकों के लिए एक बड़ा उपहार साबित होगी, क्योंकि अब उन्हें इन महत्वपूर्ण जांचों के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इससे न केवल अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीजों को सुविधा होगी, बल्कि यह स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार करेगा। इस लैब को जनवरी 2024 के अंत तक अस्पताल के प्रबंधन को सौंप दिया जाएगा, जिसके बाद यह लैब पूरी तरह से कार्य करना शुरू कर देगी।

सीएमएचओ डॉ. आरपी गुप्ता का कहना है कि इस नई सुविधा से मरीजों को सस्ती और गुणवत्ता वाली चिकित्सा जांच मिल सकेगी, जिससे जिले के स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार होगा। इसके साथ ही, यह कदम कोविड-19, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की जल्द पहचान और इलाज में भी मददगार साबित होगा। सभी को बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की दिशा में यह एक अहम कदम है, और इससे छतरपुर जिला स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक नई मिसाल स्थापित करेगा।

भवन में बनाई ये सुविधाएं


स्वास्थ्य विभाग के उपयंत्री अंशुल खरे ने बताया कि आईपीएचएल (इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब) का निर्माण 4 हजार वर्गफीट में किया गया है। जिसमें विभिन्न प्रकार के कक्ष बनाए गए हैं। इसमें माइक्रो बैल्ट्रीरिओलोजी लैब, वेटिंग रूम, सैंपल रिसीविंग रूम, रिसेप्शन, स्टाफ रूम, क्लीनिक पैथोलॉजी लैब, हीमेटोलॉजी एंड बायोकेमिस्ट्री लैब, स्टरलाइजेशन रूम, कोल्ड रूम, स्टोर रूम, डोपिंग डोनिरा, पीसीआर रूम और टॉयलेट शामिल हैं।