एक साल में शुरू हुई ये सुविधाएं
जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए पिछले कुछ महीनों में कई कदम उठाए गए हैं। करीब छह महीने पहले अस्पताल परिसर में दो सोनोग्राफी मशीनों की स्थापना की गई थी, ताकि मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सके। इसके अलावा, रेडियोग्राफी के लिए चार नए डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है। नवंबर माह में हार्ट जांच के लिए एक ईको मशीन भी स्थापित की गई थी। इन सभी प्रयासों के बाद, अब 94.14 लाख रुपए की लागत से तैयार होने वाली इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब एक और महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
इन जांचों के लिए भटकना नहीं पड़ेगा
- कोरोना की आरटीपीसीआर
- कैंसर
- हृदय रोग
- डायबिटीज
- मलेरिया, डेंगू
- स्क्रब टाइफ, एईएस (चमकी बुखार)
- टीबी
- गुर्दे और मोतियाबिंद की जांच
- ब्लड शुगर, यूरिक एसिड
- ईकोकार्डियोग्राफी, सीबीसी
- हॉर्नल टेस्ट, टीएसएच, बी-12, विटामिन डी
- ब्लड कल्चर, यूरीन कल्चर
- सीमन एनालिसिस
- प्रोथ्रॉम्बिन और सीबीसी
बाहर नहीं जाना पड़ेगा
यह नई लैब जिले के नागरिकों के लिए एक बड़ा उपहार साबित होगी, क्योंकि अब उन्हें इन महत्वपूर्ण जांचों के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इससे न केवल अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीजों को सुविधा होगी, बल्कि यह स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार करेगा। इस लैब को जनवरी 2024 के अंत तक अस्पताल के प्रबंधन को सौंप दिया जाएगा, जिसके बाद यह लैब पूरी तरह से कार्य करना शुरू कर देगी।
भवन में बनाई ये सुविधाएं
स्वास्थ्य विभाग के उपयंत्री अंशुल खरे ने बताया कि आईपीएचएल (इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब) का निर्माण 4 हजार वर्गफीट में किया गया है। जिसमें विभिन्न प्रकार के कक्ष बनाए गए हैं। इसमें माइक्रो बैल्ट्रीरिओलोजी लैब, वेटिंग रूम, सैंपल रिसीविंग रूम, रिसेप्शन, स्टाफ रूम, क्लीनिक पैथोलॉजी लैब, हीमेटोलॉजी एंड बायोकेमिस्ट्री लैब, स्टरलाइजेशन रूम, कोल्ड रूम, स्टोर रूम, डोपिंग डोनिरा, पीसीआर रूम और टॉयलेट शामिल हैं।