फिल्म खलनायक और अभिनेता दिलीप ताहिल ने फिल्म कयामत से कयामत तक का डायलॉग सुनाकर फेस्टिवल की शाम की महफिल जमाई। डायलॉग के साथ पूरा परिसर तालियों से गूंज उठा। सलमा आगा ने दिल के अरमा आसंओं में बह गए गाना गाकर हिंदी सिनेमा की चमक बिखेर दी।
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लोकगीत व फिल्मी गानों ने बटोरी तालियां
खजुराहो के पाहिल वाटिका के मुक्ताकाशी मंच पर कार्यक्रम की शुरुआत में पन्ना, नौगांव तथा छतरपुर के कलाकारों ने लोकगीत की प्रस्तुति दी। पन्ना के कलाकारों ने लोकगीत गोरी झुमका मगाय लय बरेली की प्रस्तुति देकर लोकगीत का लोहा मनवाया। इसके बाद माया नगरी मुंबई से आए कलाकारों ने फिल्मी गाना ‘टिप टिप बरसा पानी…’ की धुन पर शानदार ड्रांस की प्रस्तुति देकर रंग जमा दिया। दूसरी शाम को छिंदवाड़ा के आदिवासी कलाकारों ने अपने लोकगीत पर समुह नृत्य के जरिए यादगार बना दिया।
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मंत्री व समाजसेवियों का हुआ सम्मान
कार्यक्रम में राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि, वो मुख्यमंत्री से खजुराहो फिल्म फेस्टिवल में शासन की पूरी मदद के लिए कहेंगे। मुख्य अतिथि प्रदेश के राजस्व मंत्री गोविन्द राजपूत का कार्यक्रम के आयोजक राजा बुंदेला ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया। कार्यक्रम में छतरपुर के सामाजिक कार्यकर्ता शंकर सोनी, विक्षिप्तों पर सराहनीय काम करने वाले डॉ. संजय शर्मा,डॉ. सुभाष चौबे को मंच पर सम्मानित भी किया गया। फेस्टिवल की दूसरी शाम अभिनेत्री सुस्मिता मुखर्जी सहित अन्य फिल्मी कलाकार भी मौजूद रहे।