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छतरपुर

आरती दयाल के घर पहुंची क्राइम ब्रांच की टीम, पंकज दयाल ने कहा मेरी कभी आरती से शादी नहीं हुई

हनी ट्रेप मामला का छतरपुर कनेक्शन : - मेरे सरनेम का गलत उपयोग कर रही आरती अहिरवार : पंकज- फरीदाबाद में हुई थी आरती अहिरवार की पहली शादी, पंकज दयाल के साथ लिव इन में रहकर बन गई आरती दयाल- पंकज ने कहा कि आरती दयाल नाम का आधारकार्ड भी फर्जी बनवाया

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छतरपुर। हनी ट्रैप मामले में पकड़ी गई छतरपुर की आरती दयाल से जुड़े राज पता करने के लिए शनिवार को इंदौर क्राइम ब्रांच की तीन सदस्ययी टीम छतरपुर पहुंची। हालांकि यहां आरती के परिजन टीम से नहीं मिले। उधर पहली बार इस मामले में आरती दयाल की कथित पति पंकज दयाल ने पत्रिका से आरती से जुड़े कई बड़े खुलासे किए हैं। आरती दयाल दो साल पहले छतरपुर में रहते हुए संघ के पदाधिकारियों के भी नजदीक रही और संघ के कार्यक्रमों में उसका आना-जाना रहा। आरएसएस के एक पदाधिकारी की करीबी होने की बात भी सामने आ रही है। आरती दयाल के मामले का खुलासा होने के बाद से संघ के वह पदाधिकारी भूमिगत है और उनके मोबाइल भी बंद है।
पंकज दयाल ने कहा उसकी कभी आरती से शादी नहीं हुई, लिव इन में रहकर भी करती रही ब्लैकमेल :
पंकज दयाल के अनुसार छतरपुर के देरी रोड कृष्णा कॉलोनी निवासी आरती दयाल का आसली नाम आरती अहिरवार है। वह आरइएस विभाग में पदस्थ एसडीओ वृंदावन अहिरवार की बेटी है। उसकी शादी २०११-१२ में फरीदाबाद के अनिल वर्मा के साथ हुई थी। शादी के बाद वह आरती वर्मा के नाम से पहचान रखने लगी थी। लेकिन शादी के एक साल बाद ही वह ससुराल से भागकर वापस छतरपुर आ गई थी। उसने स्थानीय थाना में पति ओर सास-ससुर सहित ससुरालियों पर दहेज प्रताडऩा और घरेलु हिंसा के तहत मामला दर्ज करवाया था। यह मामला आज भी कोर्ट में चल रहा है। पंकज ने बताया कि जब आरती उसके संपर्क में आई तो उसने उसे अनिल वर्मा से तलाक होने की बात कहकर उससे नजदीकियां बढ़ाई। लिव इन में रहते हुए जब उसे पता चला कि आरती का तलाक नहीं हुआ तो उन्होंने कोर्ट से दस्तावेज निकलवाए। जिसमें एक शपथ पत्र आरती का भी था। उस शपथ पत्र में आरती ने लिखकर दिया था कि वह अपने पति अनिल वर्मा के साथ रहना चाहती है। इस बात का पता चलने पर पंकज ने आरती से दूरियां बनानी शुरू कर दी। इस दौरान आरती ने उसे ब्लैकमेल कर रुपए ऐठना चाहे। १९ फरवरी २०१९ को उसकी शादी गुलगंज में होनी थी, लेकिन आरती ने अपने राजनीतिक रसूक के बल पर उसके खिलाफ सिविल लाइन थाना में दूसरी शादी करने का झूठा मामला दर्ज करवा दिया। जबकि उसकी आरती से कोई शादी नहीं हुई थी और वह तीन उससे अलग रह रहा था। पंकज के अनुसार आरती की झूठी रिपोर्ट पर दर्ज मामले में उसे उसी दिन कटनी में जमानत मिल गई थी और उसने अपनी शादी कर ली। पिछले चार साल से वह अपने परिवार के साथ कटनी मेें रह रहा है और आज भी दयाल एसोसिएट्स के नाम से अपना बिजनेस कर रहा है। पंकज ने कहा कि आरती उसके सरनेम का उपयोग करके फर्जी आधार कार्ड भी बनवा बैठी थी। आज भी वह आरती अहिरवार या आरती वर्मा की जगह आरती दयाल के नाम का उपयोग कर रही है।
दो घंटे तक दरवाजे खुलवाने का किया जाता रहा प्रयास, बाद में लौटी टीम:
शनिवार की सुबह 9 बजे इंदौर क्राइम ब्रांच के तीन एसआइ छतरपुर पहुंचे। उन्होंने अपना निजी वाहन आरती दयाल के देरी रोड स्थित घर से दूर खड़ा किया और रैकी करने लगे। आधा घंटे बाद एक बाइक इस घर की ओर आते देख क्राइम ब्रांच की टीम आरती दयाल के घर के परिसर में दाखिल हो गई। लेकिन किसी ने घर के अंदर से दरवाजा नहीं खोले। दो घंटे तक क्राइम ब्रांच के तीनों एसआइ यहां मौजूद रहे, इस दौरान यहां पर बर्तन साफ करने के लिए काम वाली बाई पहुंची और दूध देने वाला भी आया, लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोले। बाद में स्थानीय पुलिस की मदद लेकर दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया गया, लेकिन अंदर से दरवाजा नहीं खुले। घर के अंदर आरती की मां थी, लेकिन वह क्राइम ब्रांच से नहीं मिली। मीडिया के जुटने पर क्राइम ब्रांच की टीम यहां से लौट गई। हालांकि टीम अभी शहर में है और आरती दयाल से जुड़े राज खंगालने का प्रयास कर रही है। उधर टीम के लौटने के बाद आरती की मां ने खिड़की खोलकर मीडिया के लोगों से बात की और कहा कि उनकी बेटी को फसाया जा रहा है। वह निर्दोष है।
आरएसएस के एक नेता से हैं नजदीकियां :
आरती दयाल दो साल पहले तक छतरपुर में आरएएस के कार्यक्रमों में भी आती-जाती रही। वह देरी रोड निवासी आरएसएस के एक बड़े नेता के संपर्क में थी। लगातार उनके यहां आरती का जाना-जाना भी था। उन्हीं आरएसएस नेता के माध्यम से आरती ने संघ और भाजपा से जुड़े लोगों से संपर्क बनाया था। वह आरएसएस के कई कार्यक्रमों में भी आती-जाती रही। उसके फेसबुक प्रोफाइल पर एक फोटो अब भी लोड है जिसमें वे आरएसएस के हिंदू संगम कार्यक्रम में मंच के आगे ग्रुप सेल्फी में है। उधर आरती दयाल मामले का खुलासा होने के बाद आरएसएस के नेता भूमिगत है। उनके दोनो मोबाइल नंबर बंद हैं।