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पन्ना रोड वेयरहाउस अब शहर से बाहर नहीं जाएगा, 120 करोड़ की सरकारी जमीन पर कमर्शियल डेवलपमेंट की योजना को शासन ने नहीं दी मंजूरी

मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड ने पुनर्धनत्वीकरण योजना के अंतर्गत लगभग 4 एकड़ क्षेत्र में फैले इन परिसरों की लगभग 120 करोड़ रुपए मूल्य की सरकारी भूमि को कमर्शियल उपयोग में लाने की योजना बनाई गई थी।

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पन्ना रोड स्थित वेयरहाउस परिसर

शहर के व्यस्ततम क्षेत्रों में से एक पन्ना रोड के विपणन संघ और प्रबंधक वेयरहाउस कार्यालय को शहर की सीमा से बाहर स्थानांतरित करने की प्रशासनिक योजना पर विराम लग गया है। मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड ने पुनर्धनत्वीकरण योजना के अंतर्गत लगभग 4 एकड़ क्षेत्र में फैले इन परिसरों की लगभग 120 करोड़ रुपए मूल्य की सरकारी भूमि को कमर्शियल उपयोग में लाने की योजना बनाई गई थी। इस दिशा में जिला प्रशासन ने बीते दिनों संबंधित विभागों को पत्र जारी कर गोदामों और भवनों का मूल्यांकन कराने के निर्देश भी दिए, लेकिन हाउसिंग बोर्ड की इस योजना को लेकर अब विभागीय अधिकारी, किसान संगठन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के बीच विरोध के बाद शासन ने इसे मंजरी नहीं दी है।

4 एकड़ में फैले हैं दो प्रमुख सरकारी परिसर

पन्ना रोड पर स्थित विपणन संघ और प्रबंधक वेयरहाउस कार्यालय, छतरपुर की प्रशासनिक और कृषि आपूर्ति प्रणाली के लिए बेहद अहम माने जाते हैं। यह दोनों परिसर लगभग 4 एकड़ भूमि पर फैले हुए हैं। इनमें कुल 8 बड़े गोदाम हैं, जिनकी भंडारण क्षमता 12400 टन है। परिसर में सीसी सडक़, वाहन पार्किंग, स्टाफ आवास और कार्यालय भवन जैसी सुविधाएं भी मौजूद हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे स्थित होने से यह भूमि अब व्यावसायिक दृष्टि से अत्यधिक मूल्यवान मानी जा रही है। यही कारण है कि प्रशासन इसे कमर्शियल डेवलपमेंट के लिए उपयुक्त मान रहा है। लेकिन पूरा कैंपस चालू हालत में होने और हाल में सुविधाओं के विस्तार पर खर्च के बाद शिफ्टिंग की योजना को टाल दिया गया है।

किसानों की नहीं बढ़ेगी मुश्किल

इस फैसले का सीधा असर ग्रामीण किसानों पर पडऩे वाला है। वर्तमान में चंद्रपरा, मोराहा, बगौता, सौरा, ढड़ारी और गठेवरा जैसे गांवों के किसान यहां से मात्र 4 से 5 किलोमीटर दूरी तय कर खाद-बीज प्राप्त कर लेते हैं। लेकिन अगर कार्यालय और गोदाम शहर से बाहर स्थानांतरित होते हैं, तो यह दूरी 10 से 12 किलोमीटर तक बढ़ जाएगी। इससे किसानों के लिए परिवहन खर्च, समय की बर्बादी और उत्पादन लागत में इजाफा होगा। लेकिन अब योजना पर काम रूक जाने से किसानों ने राहत की सांस ली है, साथ ही गोदाम पर एक और काउंटर खोलने की योजना पर विपणन संघ कर रहा है। जिससे किसानों को और सुविधा मिलेगी।

वर्तमान परिसर अब भी उपयोग योग्य

विपणन संघ परिसर में दो बड़े गोदाम हैं जिनमें लगभग 2000 टन खाद का भंडारण किया जा सकता है। यहां खाद वितरण केंद्र, वाहन पार्किंग, स्टाफ आवासीय भवन और मंडी से निकटता जैसे फायदे मौजूद हैं। अधिकारी मानते हैं कि यह परिसर अभी भी पूरी तरह उपयोग योग्य है। प्रबंधक वेयरहाउस परिसर में 10400 टन अनाज भंडारण क्षमता वाले 6 बड़े गोदाम हैं। यहां 2.5 करोड़ रुपये की लागत से बनी सीसी सडक़, धर्मकांटा, कार्यालय भवन और सुरक्षा के लिए सिविल लाइन थाना की निकटता जैसी सुविधाएं हैं। परिसर की स्थिति देखकर यह साफ है कि यहां की व्यवस्थाएं अभी लंबे समय तक उपयोग में लाई जा सकती हैं।

विभागीय अधिकारियों की आपत्ति

विपणन संघ छतरपुर के जिला विपणन अधिकारी अभिषेक जैन ने कहा कि यह परिसर पूरी तरह कार्यशील है, शिफ्टिंग की कोई आवश्यकता नहीं है। इस योजना को लेकर शासन से कोई जवाब नहीं आया है। हम कैंपस को और सुविधाजनक बनाने का काम लगातार कर रही रहे हैं। किसानों के लिए खाद का एक और काउंटर शुरू करने की भी योजना है। वहीं, वेयरहाउस प्रबंधक आरए मिश्रा ने बताया कि हाउसिंग बोर्ड से प्राप्त पत्र को हमने उच्चाधिकारियों को भेज दिया था। शिफ्टिंग को लेकर कोई निर्देश शासन से नहीं आए हैं।

बिल्डरों की बढ़ी रुचि, जमीन पर निगाहें

सूत्रों की मानें तो पन्ना रोड का यह भूभाग बिल्डरों के लिए गोल्डन लोकेशन माना जा रहा है। शहर के विस्तार और नेशनल हाईवे कनेक्टिविटी के कारण यहां मॉल, अपार्टमेंट या ऑफिस कॉम्प्लेक्स जैसी परियोजनाओं की संभावनाएं प्रबल हैं। यदि प्रशासन यह योजना लागू कर लेता है तो बिल्डरों को लाभ मिलता।

प्रभावों को अनदेखा नहीं कर सकते

सरकारी परिसरों को पुनर्विकास की दिशा में लाना आज प्रशासनिक नीति का हिस्सा बन गया है, लेकिन इसके सामाजिक और आर्थिक प्रभावों को अनदेखा नहीं किया जा सकता। पन्ना रोड स्थित वेयरहाउस और विपणन संघ की शिफ्टिंग से सरकारी खजाने को लाभ भले हो, लेकिन किसान वर्ग की सुविधाओं पर इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है। शायद इसलिए शासन ने अभी योजना पर काम टाल दिया है।