कॉलेज में छात्राओं के साथ झूम के नाचे छात्र, देखें वीडियो

Ashish Kumar Mishra | Publish: Sep, 12 2018 11:48:49 AM (IST) Chhindwara, Madhya Pradesh, India
पीजी कॉलेज के प्राणीशास्त्र विभाग ने मंगलवार को स्वागत समारोह आयोजित किया।
छिंदवाड़ा. पीजी कॉलेज के प्राणीशास्त्र विभाग ने मंगलवार को प्राचार्य डॉ. यूके जैन के मुख्य आतिथ्य एवं विभागाध्यक्ष डॉ. मीना स्वामी की अध्यक्षता में स्वागत समारोह आयोजित किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती एवं डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के छायाचित्र पर माल्र्यापण से हुआ। इसके पश्चात एमएससी तृतीय समेस्टर प्राणीशास्त्र के विद्यार्थियों ने प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थियों का स्वागत किया। इस अवसर पर मनोरंजक खेल, सामान्य ज्ञान प्रश्न, भाषण एवं गीत का आयोजन हुआ। इस अवसर पर छात्राओं के साथ छात्रों ने भी कदमताल मिलाते हुए आकर्षक नृत्य किया। कार्यक्रम में प्राचार्य ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्हें जीवन में आगे बढऩे को प्रेरित किया। कार्यक्रम में विशेष रूप से डॉ. संध्या शर्मा, निखिल कानूनगो, निशा जैन, डॉ. नमिता मेहता, बालकिशन जाटव, अमित मालवी सहित कॉलेज स्टाफ मौजूद रहा।
विद्यार्थी अपने आप में होता है श्रेष्ठ शिक्षक
शासकीय पीजी कॉलेज के अंग्रेजी विभाग में मंगलवार को शिक्षक दिवस सम्मान समारोह आयोजित किया गया। शुभारंभ डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के छायाचित्र पर माल्यार्पण से हुआ। तत्पश्चात एमए अंग्रेजी विभाग के विद्यार्थियों ने शिक्षकों का सम्मान किया। इस मौके पर छात्र मयूर ठाकरे ने गीत, अजय कुमार ने अपने अनुभव, सोनम मालवीय ने भाषण, लवकेश ने कविता, ऋचा ने ने हास्य व्यंग्य, एमए के विद्यार्थियों ने समूह गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन शिवांशी मालवीय तथा प्रमोद पवार ने किया। इस अवसर पर डॉ. तृप्ती मिश्रा ने विद्यार्थियों को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपने आप में एक श्रेष्ठ शिक्षक होता है। विद्यार्थी को सतत् अपने कॅरियर के प्रति सजग रहना चाहिए। डॉ. गोपीबाला डेहरिया ने कहा कि शिक्षकों का विद्यार्थियों के बेहतर भविष्य निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान होता हैं। जीवन में असफलताओं का आना तो तय है, लेकिन असफलता हमें पुन: प्रयास कर सफलता प्राप्ति का मौका देती है। डॉ. पीएन सनेसर ने कहा कि छात्रों को केवल रोजगार के लिए नहीं बल्कि दुनिया को समझने के लिए भी पढ़ाई करना चाहिए। भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि हमें कभी यह गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि केवल उच्च पद पर आसीन लोग ही सफलता के मुकाम तक पहुंच सकते हैं। कार्यक्रम में शिवांशी मालवीय, रिचा श्रीवास्तव, सौम्या सहित अन्य का योगदान रहा। कार्यक्रम प्राचार्य डॉ. यूके जैन एवं विभागाध्यक्ष डॉ. दीप्ति जैन के मार्गदर्शन में आयोजित हुआ। इस दौरान डॉ. जीबी डहेरिया, नीलिमा सोनी सहित अन्य मौजूद रहे।
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