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छिंदवाड़ा

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना मुख्य लक्ष्य

नाबार्ड द्वारा प्रायोजित स्वयं सहायता समूह परियोजना के अंतर्गत बुधवार को एक वृहद आयोजन में जिले के 239 स्वयं सहायता समूहों को 144.9 लाख रुपए का ऋण वितरित किया गया।

छिंदवाड़ाJul 13, 2018 / 05:19 pm

Prem Dehariya

Main goal of making women self reliant

महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना मुख्य लक्ष्य

छिंदवाड़ा . नाबार्ड द्वारा प्रायोजित स्वयं सहायता समूह परियोजना के अंतर्गत बुधवार को एक वृहद आयोजन में जिले के 239 स्वयं सहायता समूहों को 144.9 लाख रुपए का ऋण वितरित किया गया। नाबार्ड, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के इस कार्यक्रम में 500 से अधिक महिलाएं उपस्थित रहीं। नागेश्वर चैरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से अमरवाड़ा में आयोजित इस कार्यक्रम में नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक सलिल झोकरकर, सहकारी बैंक के जीएम केके सोनी, जिला अग्रणी प्रबंधक एनए रावल और वित्तीय प्रभारी साक्षरता कक्ष अशोक जैन विशेष रूप से उपस्थित थे। इस के्रडिट कैम्प में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक छिंदवाड़ा की विभिन्न शाखाओं ने स्वयं सहायता समूहों को ऋण दिया है। कार्यक्रम में २०० से ज्यादा समूहों की महिलाएं उपस्थित थीं। इस अवसर पर झोकरकर ने कहा कि स्व सहायता और सहकारिता के संगम का यह एेतिहासिक क्षण है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना हमारा लक्ष्य है। महाप्रबंधक सोनी ने बताया कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक किसानों और महिलाओं के विकास के लिए समर्पित और प्रतिबध्द है। समय पर ऋण चुकाने वाले समूहों को अधिक मात्रा में ऋण दिए जाएंगे। क्रेडिट कैम्प के इस आयोजन का संचालन परियोजना प्रबंधक नागेश्वर चैरिटेबल ट्रस्ट योगेंद्र लोधी ने किया।
इधर राज्य शासन द्वारा पॉलीथिन बैग पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। पिछले दिनों नगर पालिक निगम की टीम ने बड़ी मात्रा में पॉलीथिन जब्त कर उसे नष्ट भी किया था। अब इसके स्थान पर काबज के बैग को उपयोग में लाने का प्रयास नगर पालिक निगम द्वारा किया जा रहा है। इसी को लेकर गुरुवार को नगर पालिक निगम में स्काइस द्वारा संचालित शहरी आजीविका केंद्र के माध्यम से सोनपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बने मकानों में निवासरत महिलाओं को पेपर बैग बनाने का निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया गया। स्काइस के संचालक अरविंद कुशवाहा ने बताया कि शहर में पॉलीथिन बैग प्रतिबंधित होने के बाद से पेपर बैग की मांग काफ ी बढ़ गई है। मांग की पूर्ति करने के लिए शहर में पेपर बैग पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं है। घरों से निकलने वाले रद्दी कागज को उपयोग में लगाकर पेपर बेग तैयार किया जा सकता है। इस अवसर पर नगर पालिक निगम के सिटी मैनेजर उमेश पयासी, समाज कल्याण सेवा परिषद के संचालक राजेश लिल्हारे, नीलम जंघेला, प्रशिक्षिक फ करून बानो और बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी।

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