विश्वविद्यालय की प्रक्रिया में आएगी तेजी
छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव पर मुहर लगाए जाने के बाद बीते 18 जून को मध्यप्रदेश राजपत्र में छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय का प्रकाशन किया गया था। इसके पश्चात 22 जून को जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी वरदमूर्ति मिश्रा को छिंदवाड़ा विवि का कुलसचिव का अतिरिक्त पद्भार दिया गया। छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के लिए सारना में प्रशासन द्वारा 120 एकड़ जमीन भी आवंटित की गई। वहीं पीजी कॉलेज में छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के संचालन के लिए ऑफिस भी बनाया गया। कयास लगाए जाने लगे की जल्द ही विश्वविद्यालय से संबंधित शैक्षणिक एवं प्रशासनिक व्यवस्था की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब उच्च शिक्षा विभाग ने प्रोफेसर एवं क्लर्क की नियुक्ति की है तो अनुमान है कि प्रक्रिया में तेजी आएगी।
छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव पर मुहर लगाए जाने के बाद बीते 18 जून को मध्यप्रदेश राजपत्र में छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय का प्रकाशन किया गया था। इसके पश्चात 22 जून को जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी वरदमूर्ति मिश्रा को छिंदवाड़ा विवि का कुलसचिव का अतिरिक्त पद्भार दिया गया। छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के लिए सारना में प्रशासन द्वारा 120 एकड़ जमीन भी आवंटित की गई। वहीं पीजी कॉलेज में छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के संचालन के लिए ऑफिस भी बनाया गया। कयास लगाए जाने लगे की जल्द ही विश्वविद्यालय से संबंधित शैक्षणिक एवं प्रशासनिक व्यवस्था की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब उच्च शिक्षा विभाग ने प्रोफेसर एवं क्लर्क की नियुक्ति की है तो अनुमान है कि प्रक्रिया में तेजी आएगी।
चार जिलों के 99 कॉलेज होंगे शामिल
छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के अधीन बैतूल, सिवनी, बालाघाट एवं छिंदवाड़ा जिले के लगभग 99 कॉलेज होंगे। उच्च शिक्षा विभाग पोर्टल पर दर्ज जानकारी के अनुसार वर्तमान में बैतूल जिले में 8 शासकीय एवं 24 प्राइवेट कॉलेज, बालाघाट में 13 शासकीय एवं 2 प्राइवेट कॉलेज, सिवनी में 9 शासकीय एवं 8 प्राइवेट कॉलेज एवं छिंदवाड़ा में 16 शासकीय, 15 प्राइवेट एवं 4 अनुदान प्राप्त कॉलेज संचालित हो रहे हैं।
समय पर प्रक्रिया पूरा करना चुनौती
विशेषज्ञों के अनुसार वर्तमान सत्र में छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय के संचालन के लिए चार जिलों के कॉलेजों की संबधता, फीस निर्धारण के साथ ही नियम, परिनियम बनने हैं। अगस्त तक प्रवेश प्रक्रिया चलेगी। इस दौरान ही सभी कार्य पूर्ण करने होंगे। तभी विवि का संचालन सुचारू रूप से हो सके।
नवप्रवेशित विद्यार्थियों को ही मिलेगा फायदा
सत्र 2019-20 से छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय का संचालन शुरु हो जाने के बाद इसका फायदा नवप्रवेशित विद्यार्थियों को ही मिलेगा। यानि स्नातक प्रथम वर्ष एवं स्नातकोत्तर प्रथम सेमेस्टर के विद्यार्थी को ही छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय से पंजीकृत रहेंगे। वहीं स्नातक द्वितीय एवं तृतीय वर्ष, स्नातकोत्तर द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ सेमेस्टर के विद्यार्थियों को रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय से ही जुड़े रहेंगे।