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चित्रकूट

गजब: प्राइमरी स्कूल को बना डाला विद्युत विभाग का गोदाम, जिम्मेदार बोले होगी कार्यवाही

गौर करने वाली बात यह कि शिक्षकों द्वारा भी अभी तक इस बात की जानकारी विभागीय लम्बरदारों को न देने की बात सामने आ रही है।

चित्रकूटApr 23, 2018 / 04:38 pm

Ashish Pandey

School became electricity
चित्रकूट. इसे विद्युत् विभाग की लापरवाही कहें या ठेकेदार की दबंगई की प्राथमिक विद्यालय को ही विद्युत उपकरणों का गोदाम बना दिया गया। अब जबकि मामला मीडिया में उछला है तो सभी जि़म्मेदार प्रथम दृष्टया जानकारी न होने की बात कहकर अनभिज्ञता जताते हुए अब जानकारी होने पर जांच कराकर कार्यवाही की बात कह रहे हैं। बहरहाल इससे विद्यार्थियों को खासी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। गौर करने वाली बात यह कि विद्यालय के शिक्षकों द्वारा भी अभी तक इस बात की जानकारी अपने विभागीय लम्बरदारों को न देने की बात सामने आ रही है।
शिक्षा का मन्दिर बन गया विद्युत विभाग का गोदाम। जी हां कुछ ऐसी ही तस्वीर नजर आई मुख्यालय स्थित एक प्राथमिक विद्यालय में जहां विद्युत विभाग के उपकरणों ने पूरे विद्यालय को घेर रखा है। विभाग या ठेकेदार ने किसकी अनुमति से यह गोदाम बनाया यह यक्ष प्रश्न बन चुका है।
बन गया गोदाम पर किसी को जानकारी नहीं

मुख्यालय स्थित प्राथमिक विद्यालय कुली तलैया इस समय विद्यालय नहीं बल्कि बिजली विभाग का गोदाम नजर आ रहा है क्योंकि विद्यालय में बड़े बड़े विद्युत उपकरणों व तारों का कब्जा है। दरअसल ग्रामीण क्षेत्रों में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत विद्युतीकरण का कार्य चल रहा है सो इलाकों में विद्युत उपकरणों के गोदाम की आवश्यकता पड़ती है। पर यहां तो एक विद्यालय को ही गोदाम बना दिया गया। मुख्यालय स्थित प्राथमिक विद्यालय कुली तलैया को इसके लायक समझा गया जहां पठन-पाठन का माहौल है लेकिन न जाने किसकी अनुमति से ठेकेदार ने यह कदम उठा लिया। कमरों से लेकर मैदान और शौचालय तक में उपकरण बिखरे पड़े हैं।
जांच के बाद कार्यवाही

इस बारे में विद्युत विभाग से लेकर शिक्षा विभाग के किसी लम्बरदार ने पहले तो जानकारी होने से इंकार किया, लेकिन जब मीडिया में मामला थोड़ा हाइलाइट हुआ तो अधिकारियों ने कहा कि अब जानकारी हुई है तो जांच की जाएगी। विद्युत विभाग के एसडीओ ग्रामीण वीरेंद्र अहिरवार ने कहा कि उन्हें अभी तक इसकी जानकारी नहीं थी, लेकिन किसी विद्यालय में इस तरह उपकरण रखना उचित नहीं है, यदि अनुमति नहीं ली गई होगी उपकरण रखने की तो सम्बंधित ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। उधर, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) आनन्द प्रकाश ने कहा कि उन्हें भी अभी मामले की जानकारी मिली है, किसकी अनुमति से व कैसे विद्यालय में उपकरण रखे गए हैं इसकी सूचना नहीं दी गई, जांच कराकर दोषी के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
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