मृत बच्चों में शामिल इंदौरा निवासी हरीश रक्षाबंधन पर मामा हरिशंकर ढोली के यहां आया था। मृतक चन्द्रशेखर व प्रिन्स चचेरे भाई थे और दोनों पिता के इकलौते पुत्र थे। वहीं मृतक बालक सुमित के पिता की दो साल पहले ही मौत हो गई थी। सुमित भी परिवार में इकलौता पुत्र था। इस तरह तीन घरों के चिराग ही बुझ गए।
तालाब से दो बच्चों कृश पुत्र हरिशंकर ढोली व आयुष पुत्र भवानी शंकर को सुरक्षित निकाल लिया गया। दोनों बच्चे तालाब में गहराई में नहीं गए, इसलिए बच गए। बेरोकटोक अवैध खनन
मंगलवाड़ तालाब लंबे समय तक सिंचाई विभाग के अधीन था। तब यहां विभाग के दो चौकीदार रहते थे, लेकिन वर्ष 2010 के बाद राज्य सरकार ने अधिकांश सभी छोटे तालाब पंचायतों और पंचायत समितियों के सुपुर्द कर दिए थे। इस वजह से इन तालाबों की रख-रखाव व सुरक्षा व्यवस्था पंचायतों के अधीन आ गई। मंगलवाड़ तालाब में भी पूरे साल पशुओं की चराई की व्यवस्था रहती है, लेकिन कुछ वर्षों से यहां पर जेसीबी की मदद से बे-रोकटोक अवैध खनन हो रहा है। अवैध खनन होने की वजह से पूरे तालाब में जगह-जगह बड़े गड्ढे हो गए हैं। यहां 300 से 400 बीघा क्षेत्र में पानी भरा हुआ है।