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जानिए… किन राज्यों और चार बड़े शहरों को जोड़ेगा यह विशेष गलियारा

बेंगलूरु-चेन्नई गलियारे Bengaluru-Chennai industrial corridor का विस्तार: सेलम व पलक्कड में बनेंगे क्लस्टर

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तिरुवनंतपुरम.कोयम्बत्तूर. केरल Kerala और तमिलनाडु ( Tamilnadu ) की चिरप्रतीक्षित मांग को पूरा करते हुए केंद्र सरकार ने बेंगलूरु Bengaluru और चेन्नई Chennai के बीच प्रस्तावित औद्योगिक गलियारे के विस्तार को हरी झंडी दे दी है। इसके साथ ही कोयम्बत्तूर Coimbatore से कोच्चि Kochi के बीच औद्योगिक गलियारे industrial corridor का रास्ता साफ हो गई है। बेंगलूरु-चेन्नई औद्योगिक गलियारे का विस्तार कोयम्बत्तूर और फिर कोच्चि तक किया जाएगा। दोनों ही राज्य इस गलियारे के विस्तार की मांग कर रहे थे। तमिलनाडु का तर्क था कि कोयम्बत्तूर औद्योगिक शहर है लिहाजा उसे शामिल किया जाना चाहिए। केरल भी इस परियोजना में राज्य को शामिल नहीं किए जाने के कारण कोच्चि तक विस्तार की मांग कर रहा था।

राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास और क्रियान्वयन न्यास ने बुधवार को राज्य सरकार को केंद्र सरकार के बेंगलूरु-चेन्नई औद्योगिक गलियारे का विस्तार वाया कोयम्बत्तूर कोच्चि तक करने के बारे में सूचित किया। मुख्यमंत्री पी. विजयन ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह राज्य सरकार के सतत प्रयास का नतीजा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब केंद्र सरकार ने विभिन्न गलियारों की घोषणा की थी तब केरल को पूरी तरह से छोड़ दिया गया था। इसे लेकर हमने केंद्र सरकार पर दबाव डाला था और अब सरकार ने कोच्चि तक एक औद्योगिक गलियारे के विस्तार को मंजूरी दे दी है। विजयन ने कहा कि इस परियोजना के तहत कोयम्बत्तूर और कोच्चि के बीच दो इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर का विकास किया जाएगा। इसमें से एक केरल के पलक्कड़ में होगा जबकि दूसरा तमिलनाडु के सेलम में होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि क्लस्टर के निर्माण के लिए २ से ५ हजार एकड़ तक भूमि की आवश्यकता होती है लेकिन राज्य में भूमि की अनुपलब्धता को देखते हुए इसे घटाकर १८०० एकड़ तक किया गया है। विजयन ने कहा कि अब आवश्यक १८०० एकड़ में से एक बड़ा हिस्सा सरकार के पास पहले ही पलक्कड में अवाप्त है और बाकी भूमि का अधिग्रहण भी जल्द ही प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। यह क्लस्टर विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) का हिस्सा होगा। क्लस्टरों का परिचालन राज्य व केंद्र सरकार की ओर से गठित विशेष उपक्रम (एसपीवी) करेंगे। अवाप्त भूमि को उपयोग योग्य बनाने का काम केंद्र सरकार करेगी। केंद्र सरकार इस पर करीब ८७० करोड़ रुपए खर्च। दोनों राज्यों के संयुक्त क्लस्टर सेलम-कोच्चि उच्च पथ के दोनों तरफ होंगे। बहु-उत्पादन सुविधा इस क्लस्टर से इलेक्ट्रॉनिक्स के अलावा खाद्य प्रसंस्करण, कृषि उद्यम, सूचना तकनीक और परंपरागत उद्योगों को भी जोड़ा जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि इससे १० हजार लोगों को सीधे रोजगार मिल सकेगा। सरकार को उम्मीद है कि क्लस्टर में निजी क्षेत्र से करीब १० हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा। अधिकारियों का कहना है कि क्लस्टर से कोचीन बंदरगाह नजदीक होने के कारण पानी के रास्ते आपूर्ति भी आसानी से की जा सकेगी और इससे रेल व सड़क परिवहन पर दबाव घटेगा।