
कोयले की जगह नारियल के खोल का उपयोग क्यों है खतरनाक
कोयम्बत्तूर. तमिलनाडु किसान संघ ने कई फैक्ट्रियों में नारियल के खोल का कोयले की जगह इस्तेमाल से हो रहे प्रदूषण पर चिन्ता जताई है। संघ अध्यक्ष एस पलनीस्वामी ने इस पर रोकथाम के लिएजिला प्रशासन को ज्ञापन दिया।
संघ के सदस्य सोमवार को गले में नारियल के खोल की माला पहने हुए कलक्ट्रेट पहुंचे। जिला प्रशासन को दिए ज्ञापन में बताया गया कि जिले में कई छोटी फैक्ट्रियों में नारियल खोल जलाया जा रहा है। यह कोयले की तुलना में कठोर होने के कारण घना काला धुंआ छोड़ता है। आसपास के इलाके में रहने वाले लोग धुएं से परेशान है। उन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है। संघ ने बताया कि ओरथुकुप्पई गांव में इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल हो रहा है।
ज्ञापन में प्रशासन से मामले की जांच कर तत्काल इस पर रोक लगाने की मांग की गईहै। किसान संघ ने चेतावनी दी है कि इस संबंध में प्रशासन व जिम्मेदार उचित कार्रवाई करेें अन्यथा उन्हें आंदोलन की राह पर भी उतरना पड़ सकता है। संघ ने बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताई है।
Published on:
04 Jun 2019 02:12 pm
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