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आसान नहीं अभिमान का त्याग

jain acharya pravachan आचार्य विजय रत्नसेन सूरीश्वर ने कहा कि मानव के लिए अभिमान का त्याग करना कठिन है और शुभ भाव आत्मा को मुक्ति के पथ पर अग्रसर करते हैं।

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आसान नहीं अभिमान का त्याग

अपनी व अपनों की चिंता में आत्मा को भूले,अपनी व अपनों की चिंता में आत्मा को भूले,आसान नहीं अभिमान का त्याग

कोयम्बत्तूर. आचार्य विजय रत्नसेन सूरीश्वर ने कहा कि मानव के लिए अभिमान का त्याग करना कठिन है और शुभ भाव आत्मा को मुक्ति के पथ पर अग्रसर करते हैं।
उन्होंने गुरुवार को आरएस पुरम स्थित बहुफणा पाश्र्वनाथ जैन मंदिर ( Tamil Nadu ) में धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मानव के मन में द्रव्य, काल, क्षेत्र और भाव का प्रभाव होता रहता है। Coimbatore परमात्मा, गुरूजन या अन्य महापुरूष के चित्र के समक्ष होने पर उनके जीवन के अनुसरण का भाव होता है जबकि जब हिंसा या अन्य वीभत्स दृश्य आते हैं तब मन में पाप वृत्तियां और कुसंस्कार उजागर होते हैं। धर्म अथवा वर्षावास, चातुर्मास, पर्युषण आदि पर्वों में मन शुभ भावों से भावित बनता है। Coimbatore मंदिर या गुरुजन के साधना स्थल पर जाने पर मन में स्वत: ही त्याग और व्रत नियम के भाव पैदा होते हैं जबकि मनोरंजन या पर्यटन स्थल पर मौज, शौक व विलासिता के विचार आते हैं। वहीं व्यापार शुरू होने पर लोभ भाव पैदा होता है।
आचार्य ने कहा कि जब मन में शुभ भाव पैदा होता है तो वह आत्मा को मुक्ति भाव के पथ पर अग्रसर करता है जबकि अशुभ भाव पैदा होते ही सब पतन के गर्त में चला जाता है। Coimbatore उन्होंने कहा कि मानव शब्द में मान शब्द ही अभिमान का ***** है। मानव के लिए सत्ता, संपत्ति व स्वजन का त्याग तो आसान है लेकिन अपने अभिमान का त्याग करना कठिन है। इसी कारण उसमेें अभिमान, क्रोध, माया, लोभ के भाव पैदा होते हैं। दुनिया में हुए चार युद्ध ही इन चार कषायों के जरिए हुए। विश्व युद्ध हो या मन के लघु युद्ध, क्रोध के कारण ही होते हैं। आचार्य ने कहा कि कषायों से मुक्त होने के लिए चातुर्मास है। जिंदगी भर आराधना साधु जीवन मेंं है।( Tamil Nadu ) जिनके पास साधु जीवन है लेकिन योग्य शक्ति व मनोबल नहीं है तो उसे श्रावक जीवन का पालन करना चाहिए। आत्म जागृति के लिए वर्षावास का चातुर्मास महत्वपूर्ण है।
आज से धार्मिक कार्यक्रम
राजस्थानी संघ भवन में सुबह ९ बजे से प्रवचन शुरू होंगे। 14 जुलाई को Coimbatore श्रावक जीवन के अलंकार स्वरूप बारह व्रत स्वीकार कार्यक्रम होगा। १५ जुलाई से चातुर्मास कार्यक्रम शुरू होगा। ( Tamil Nadu ) इस दौरान सिद्धि तप, मास क्षमण तप, वीरा स्थानक तप, सम्मेत शिखर तप, ४५ आगम तप आदि तत्पश्चर्या कराई जाएगी।