
4500 से ज्यादा परीक्षण उड़ानें
कोयम्बत्तूर.बेंगलूरु. सुरक्षा के मामले में स्वदेशी हल्के युद्धक विमान (एलसीए) तेजस LCA Tejas का रिकार्ड काफी अच्छा रहा है। पिछले 18 साल के दौरान तेजस के उड़ान में पहली बार कोई समस्या आई है। तेजस ने4 जनवरी 2001 को पहली उड़ान भरी थी।
4500 से ज्यादा परीक्षण उड़ानें
अधिकारियों के मुताबिक तेजस में ड्रॉप टैंक लगाए जाने से पहले उसे हर कसौटी पर परखा गया था। दिसम्बर 2010 में पहली कर्नाटक Karnataka के चित्रदुर्गा के चलकेरे के एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में पहली बार ड्रॉप टैंक गिराने का परीक्षण किया गया था। पिछले साल दिसम्बर में भी भूकंपीय परीक्षण और अनुसंधान प्रयोगशाला सहित दो अन्य संस्थानों के विशेषज्ञों की टीम ने ड्रॉप टैंक के कई परीक्षण किए थे। इनमें स्लोसिंग और कंपन परीक्षण भी शामिल था जिसमें ३ हजार घंटे से अधिक की उड़ान के बाद टैंक की स्थिति को परखा गया। ये परीक्षण तेजस के अंतिम परिचालन प्रमाण (एफओसी) के मानक का हिस्सा था। Coimbatore इस साल फरवरी में तेजस को एफओसी मिला था। रक्षा अनुसंधान विकास संगठन के तहत आने वाले वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (एडीए) ने 1983 में तेजस परियोजना पर काम शुरू किया था और अब तक एडीए और एचएएल के प्लेटफार्म पर तेजस की4500 से ज्यादा परीक्षण उड़ानें हो चुकी हैं। परीक्षण के दौरान 2896 घंटे की उड़ान भरी है और इस दौरान कोई हादसा या समस्या नहीं हुई। 1 जुलाई 2016 में वायुसेना IAF के बेड़े में शामिल किए जाने के बाद भी इस विमान ने सैकड़ों घंटों की उड़ान भरी है।
Published on:
03 Jul 2019 01:35 pm
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