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सात मुमुक्षु संयम की राह पर अग्रसर

वरघोड़ा में शामिल श्रीजी की रथ के आगे महिलामंडल की सदस्य रास्ता साफ कर जल छिड़क रही थी। वरघोड़ा में शामिल सभी लोग भगवान महावीर के जयकारे लगा रहे थे।

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वरघोड़ा में शामिल श्रीजी की रथ के आगे महिलामंडल की सदस्य रास्ता साफ कर जल छिड़क रही थी। वरघोड़ा में शामिल सभी लोग भगवान महावीर के जयकारे लगा रहे थे।

वरघोड़ा में शामिल श्रीजी की रथ के आगे महिलामंडल की सदस्य रास्ता साफ कर जल छिड़क रही थी। वरघोड़ा में शामिल सभी लोग भगवान महावीर के जयकारे लगा रहे थे। tamilnadu

वरघोड़ा में शामिल श्रीजी की रथ के आगे महिलामंडल की सदस्य रास्ता साफ कर जल छिड़क रही थी। वरघोड़ा में शामिल सभी लोग भगवान महावीर के जयकारे लगा रहे थे।
दूसरे प्रांतों से आए दल
दीक्षार्थियों के वरघोड़ा में शामिल करने के लिए बागरेचा परिवार ने महाराष्ट्र, मणिपुर, मध्यप्रदेया, गुजरात आदि राज्यों से लोक कलाकारों के दल को बुलाया था। विभिन्न राज्यों से आए लोक कलाकारों में वरघोड़ा में कई करतब दिखाए। ढोल नगाड़ों और बैंडबाजे के साथ निकले वरघोड़ा में समाज के लोग नाचते और गाते चल रहे थे।
शाम को हुई विदाइ
वरघोड़ा के बाद सभी मुमुक्षु की शाम को विदाई का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस विदाई कार्यक्रम में सभी मुमुक्षु ने अपनी भावना बताई और अब वह किस-किस चीज का त्याग कर मोक्ष के मार्ग पर जा रहे हैं यह भावना बताई।
साधनामय होगा जीवन
नेहररू स्कूल में आयोजित बहूमान कार्यक्रम में मुनि संयमप्रभ विजय ने कहा कि संघ 25वां तीर्थांकर है।
उनकी अमान्या रखना ही चाहिए। स्वंय तीर्थांकर भी श्री संघ को नमन करते हुए ही उपदेश की शुरुआत करते हैं। मुनि ने कहा कि