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स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल हों सर्पदंश से बचाव के तरीके

सर्पदंश के दो घंटों के भीतर उपचार हो जाए तो बच सकता है पीडित - हर साल पूरी दुनिया में डेढ़ लाख लोगों की सर्प दंश से मौत हो जाती है। इनमें से एक तिहाई ५० हजार लोग भारत के होते हैं। भारत में भी सर्पदंश की सर्वाधिक घटनाएं तमिलनाडु में होती है। यहां हर साल १० हजार लोग सांप के काटने से मारे जाते हैं।

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Snake Bite

snake bite: इसलिए लोग हो रहे इस जहरीले जीव के शिकार,बड़ी खबर: राजस्थान में अब सरकारी स्कूल के बच्चे बनेंगे 'सर्प विशेषज्ञ', इलाज की मिलेगी ट्रेनिंग,snake bite: इसलिए लोग हो रहे इस जहरीले जीव के शिकार

कोयम्बत्तूर. हर साल पूरी दुनिया में डेढ़ लाख लोगों की सर्प दंश से मौत हो जाती है। इनमें से एक तिहाई ५० हजार लोग भारत के होते हैं। भारत में भी सर्पदंश की सर्वाधिक घटनाएं तमिलनाडु में होती है। यहां हर साल १० हजार लोग सांप के काटने से मारे जाते हैं।
यह जानकारी शनिवार को यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग इंग्लैंड के सहायक प्रोफेसर शक्तिवेल वैयापुरी ने दी। वे यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने बताया कि अगर सांप के काटने के दो घंटों के भीतर उपचार हो जाए तो पीडित को बचाया जा सकता है।शक्तिवेल ने बताया कि सांप के काटने से मौत का मुख्य कारण जागरूकता की कमी है।
उन्होंने कहा कि विषैले सांप के काटने से होने वाली जानलेवा बीमारियों से बचने के लिए एंटी-वेनम दवा महत्वपूर्ण है। शक्तिवेल ने कहा कि स्कूली दिनों में ही बच्चों को सर्प दंश से बचाव के बारे में बेहतर तरीके से बताया जाए। इसे पाठ्यक्रम में भी जोड़ा जा सकता है। अभी भी गांवों में कई लोग सर्पदंश से पीडि़त को अस्पताल ले जाने की बजाय झांड फूंक वालों के पास ले जाते हैं।
इसी तरह सर्प दंश पीडि़तों की बीमा कवरेज बहुत कम है। इससे सर्प दंश पीडि़तों को मुफ्त उपचार प्रदान करने से मदद मिलेगी उन्होंने बताया कि पीडि़त के रक्त की एक बूंद से ही विष की पहचान की जा सकती है।
अगर सांप के जहर की पहचान कर ली जाए तो उसकी प्रजाति को पहचानना आसान होगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के उपकरण अगले साल बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे।

3००० प्रजातियों में से सिर्फ 6०० ही जहरीली

दुनिया भर में सांपों की 3000 किस्में हैं, जिनमें से केवल 600 ही जहरीली हैं। भारत में केवल 200 प्रजाति के जहरीले सांप पाए जाते हैं। इनमें से सबसे खतरनाक इंडियन कोबरा, कॉमन क्रेट, रसेल वाइपर और स्केल्ड वाइपर हैं। अधिकांश सर्प विषहीन होते हैं। सांप के काटने से बचने के तरीकों के बारे में उन्होंने बताया कि सांप बारिश के मौसम में बाहर निकलते हैं। इस दौरान हमें अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।
इसके अलावा जहां चूहे अधिक होते हैं वहां भी सांप भोजन की तलाश करते हुए पहुंच जाते हैं। इसलिए इन दोनों तथ्यों का ध्यान रखें। घरों में चूहे अधिक नहीं होने दें। बारिश में सावधानी बरतें।