स्विंग बनाए रखने के लिए लेगा यह फैसला
एक क्रिकेट वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक आईसीसी इस बात पर विचार कर रहा है कि अंपायरों की निगरानी में आर्टिफिशियल पदार्थ से गेंद को चमकाने की अनुमति दे दी जाए, ताकि गेंद की चमक बनी रहे। टेस्ट क्रिकेट में बल्ले और गेंद के बीच बराबरी के संघर्ष के लिए यह काफी जरूरी है कि गेंदबाजों को गेंद स्विंग और रिवर्स स्विंग कराने में मदद मिले। बता दें कि ऐसा करना अभी तक बॉल टेम्परिंग के दायरे में आता है और इसी कारण 2018 में स्मिथ और वार्नर पर एक-एक साल का प्रतिबंध लगा था।
भुवनेश्वर ने भी जताई थी चिंता
बता दें कि भुवनेश्वर ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत में होने वाले एकदिवसीय सीरीज के पहले कहा था कि लार के इस्तेमाल के बारे में हमने सोचा है। वह इस बारे में अभी पक्का नहीं कह सकते कि गेंद चमकाने के लिए लार का उपयोग नहीं करेंगे, क्योंकि अगर हम ऐसा नहीं करेंगे तो गेंद को कैसे चमकाएंगे? बिना गेंद चमकाए गेंदबाजी करें तो फिर हमें मार पड़ेगी और लोग कहेंगे कि हम अच्छी गेंदबाजी नहीं कर रहे हैं।
गेंद को चमकाने के लिए लार का इस्तेमाल न करने के पक्ष में भारत के पूर्व तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद भी हैं। उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस संकट टलने के बाद खेल शुरू होने के कुछ समय तक गेंद को चमकाने के लिए खिलाड़ियों को सिर्फ पसीने का ही इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा था कि इसकी वजह यह है कि उनकी नजर में खिलाड़ियों की सुरक्षा सबसे ऊपर है।