टीम से दूर रहना नहीं लग रहा अच्छा
हार्दिक ने कहा कि क्रिकेट उनके खून में बसा है और वह खुद को इससे ज्यादा दिन तक दूर नहीं रख सकते। उन्होंने कहा कि टीम से दूर रहकर उन्हें अच्छा नहीं लग रहा है। हालांकि अभी संयम रखने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने और भारतीय टीम के साथ न्याय नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह काफी दिनों से पीठ दर्द के साथ खेल रहे थे। उनकी कोशिश थी कि सर्जरी न करानी पड़े। इसके लिए उन्होंने हर वह कोशिश की, जो कर सकते थे, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उन्होंने महसूस किया कि चोट की वजह से वह अपनी पूरी क्षमता के साथ नहीं खेल पा रहे हैं। इसका सीधा अर्थ यह था कि वह अपनी टीम के साथ न्याय नहीं कर पा रहे थे। इसके बाद ही उन्होंने सर्जरी कराने का फैसला किया।
हार्दिक ने कहा कि अब वह बहुत अच्छा महसूस कर रहे हैं। लेकिन साथ में यह भी कहा कि सर्जरी के बाद वापसी आसान नहीं होती। इसलिए वह पूरा एहतियात बरत रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले चार-पांच सालों में उन्होंने यह पाया कि खेल के दौरान आप चोटिल नहीं होना चाहते। इसके बावजूद हो जाते हैं। यह खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा है। कोई यह दावा नहीं कर सकता कि वह चोटिल नहीं होगा।
हार्दिक ने कहा कि चोट के बाद वापसी करते रहना आसान नहीं है। इसके लिए प्रेरणा की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम सभी को प्रेरणा मिलती है, लेकिन यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि आप गलत रास्ते पर न जाएं। आप खुद से सवाल न करें। आपके साथ ऐसा क्यों हो रहा है। वह इन सब चीजों को पीछे छोड़ कर सकारात्मक रहने की कोशिश करते हैं।